Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी पर कोर्ट के फैसले पर भड़के औवैसी, बोले-इससे देश को अस्थिर होने का खतरा 

Gyanvapi Masjid Verdict : एआईएमआईएम नेता ने कहा कि वक्फ बोर्ड के 1942 के गजट में इसे मस्जिद और इसे वक्फ की संपत्ति बताया गया। ओवैसी ने कहा, 'बाबरी मस्जिद पर जब फैसला आया तभी मैंने कहा था कि आगे और दिक्कत होगी।' वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष के हक में अपना फैसला सुनाया है।

Verdict on Gyanvapi Masjid Case Asaduddin Owaisi this will start destabilising country
ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट का आया है फैसला। 
मुख्य बातें
  • वाराणसी जिला अदालत के फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने दी अपनी प्रतिक्रिया
  • कोर्ट ने अपना फैसला हिंदू पक्ष के हक में दिया है, मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज
  • एआईएम नेता ने कहा है कि इंतजामिया कमेटी को तुरंत इस फैसले को चुनौती देनी चाहिए

Asaduddin Owaisi : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी जिला अदालत के फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने सोमवार को कहा कि मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली इंतजामिया कमेटी को हाई कोर्ट में इस फैसले को तुरंत चुनौती देनी चाहिए। ओवैसी ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर के आधुनिकीकरण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब इसका उद्घाटन किया तो उस समय काशी मंदिर के प्लाट नंबर 93, 94 को दूसरे प्लाट से बदला गया। प्लाटों की यह अदला-बदली मालिकों के बीच हुई। 

दस्तावेजों में यह मस्जिद है-ओवैसी
एआईएमआईएम नेता ने कहा कि वक्फ बोर्ड के 1942 के गजट में इसे मस्जिद और इसे वक्फ की संपत्ति बताया गया। ओवैसी ने कहा, 'बाबरी मस्जिद पर जब फैसला आया तभी मैंने कहा था कि आगे और दिक्कत होगी। 1991 का प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट मौजूद है फिर भी इस तरह का फैसला आता है। इस तरह के अदालती फैसलों से देश अस्थिर होगा।'

कोर्ट ने हिंदू पक्ष की अर्जी सुनवाई लायक माना
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी की जिला अदालत ने अपना फैसला हिंदू पक्ष के हक में सुनाया। जिला अदालत के जज एके विश्वेषा ने अपने आदेश में कहा कि श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग वाली हिंदू पक्ष की अर्जी सुनवाई करने के लायक है। कोर्ट इस अर्जी पर 22 सितंबर से सुनवाई शुरू करेगा। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 और ऑर्डर 7/11 लागू नहीं होता। अदालत ने अपना फैसला हिंदू पक्ष के हक में सुनाया। कोर्ट के इस फैसले का जहां हिंदू पक्ष ने स्वागत किया है। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जिला अदालत के इस फैसले को वह ऊपरी अदालत में चुनौती देगा। फैसले के बाद दोनों पक्षों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

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कोर्ट ने नमाज अदा करने पर रोक नहीं लगाई-फिरंगी महली
मुस्लिम धर्मगुरु रशीद फिरंगी महली ने कहा कि कोर्ट ने बहस के लिए अगली तारीख तय की है। जाहिर है कि दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातें रखेंगे। आज से नहीं बल्कि सैंकड़ों सालों से मस्जिद में नमाज होती आ रही है। वहां मस्जिद मौजूद है और लोग वहां नमाज अदा करते आ रहे हैं। हमें लगता है कि कोर्ट ने नमाज पर रोक लगाने जैसी कोई बात नहीं कही है। हम पूरी ताकत के साथ इस मामले को कोर्ट में लड़ेंगे। 

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