देश में कौन तोड़ रहा है मंदिर और मूर्तियां ? यूपी के माहौल को खराब करने की कोई साजिश तो नहीं?

Bihar के Siwan में Mahavir Akhara Procession जैसे ही पुरानी बाजार के पास पहुंचा, एक मकान की छत पर एक पक्ष के कुछ उपद्रवी चढ़ गए और जुलूस पर पथराव (Stone pelting) करना शुरू कर दिया। वहीं ताजा मामला लखनऊ के मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया है।

Who is destroying temples and idols in the country Is there any conspiracy to spoil the atmosphere of UP
ये Islamophobia या Hinduphobia? India में कौन फैला रहा नफरती साजिश ?  
मुख्य बातें
  • ये Islamophobia या Hinduphobia? India में कौन फैला रहा नफरती साजिश
  • हिंदुओं के खिलाफ नफरत की नई लहर? मूर्ति तोड़ो गैंग की सबसे बड़ी खोज
  • पंजाब में शिव मंदिर के निर्माण स्थल पुलिस ने हटाया शिवलिंग

Islamophobia vs Hinduphobia: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक शख्स ने मंदिर में घुसकर पत्थर से मूर्तियों को खंडित कर दिया। वहीं पंजाब में शिव मंदिर बनाने से रोक दिया गया और बिहार के सिवान में महावीरी अखाड़ा के जुलूस पर पत्थरबाजी हो गई। ये तीनों घटनाएं बीते चंद दिनों में हुई हैं। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या ये महज एक इत्तेफाक हैं या फिर इन घटनाओं के पीछे कोई साजिश है। क्या देश में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का कोई खेल चल रहा है। अब सवाल है कि कौन कर रहा है देश के खिलाफ नफरती साजिश ?

सिवान में जुलूस पर पथराव

नीचे दिए गए वीडियो में आप देख सकते हैं कि बिहार के सिवान में मस्जिद की छत से महावीर जुलूस पर नफरत के पत्थर फेंके गए। हिंदू-मुस्लिम को बांटने के मकसद से जुलुसू को निशाना बनाया गया। मस्जिद की छत पर करीब 6-8 लड़के मौजूद थे और सब के हाथ में ईंट-पत्थर थे। इसके बाद सभी ने जुलूस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। माहौल बिगड़ा तो शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिसबल मौके पर पहुंचा।आला अधिकारी आए.. लेकिन पथराव जारी रहा। जिसमें दो पुलिसकर्मियों समेत कुल 6 लोग घायल हो गए हैं।

इसके बाद असामाजिक तत्वों ने एक गुमटी में आग भी लगा दी। ये घटना बिहार के सीवान के बड़हरिया थाना क्षेत्र की बताई जा रही है जो तेजी से वायरल हो रहा है। हालाकि टाइम्स नाउ नवभारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। लेकिन जानकारी है कि हिंसा भड़कने के बाद इलाके में भारी पुलिसबल की तैनाती हो गई है। लेकिन यहां सवाल ये उठता है आखिर जुलूस में हमला क्यों किया गया?  क्या मस्जिद की छत पर पहले से तैयारी की गई थी? क्या समाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश के तहत ये हिंसा भड़काई गई थी? क्या इस देश में चंद लोगों को हिंदूफोबिया है?

लखनऊ के मंदिर में तोड़फोड़

वहीं लखनऊ में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। सीसीटवी में कैद तस्वीरों में हिंदू मंदिर में हुए पाप की पूरी पिक्चर कैद है। माथे पर टीका और हाथ में कलावा पहनकर एक शख्स नफरत की ईंट लेकर मंदिर में पहुंचा और मूर्तियों को खंडित कर दिया। लखनऊ के लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर में अटैक करने वाले शख्स का ये EXCLUSIVE सीसीटीवी फुटेज सामने आया है।सीसीटीवी में साफ साफ दिखाई दे रहा है कि ये शख्स पहले खड़े होकर पूजा करने का दिखावा करता है। जब वहां मौजूद बाकी लोग चले जाते हैं तब वो मूर्ति के पास पहुंचता है, पीछे मुड़कर देखता है और उसके पास मूर्ति को उखाड़ने की कोशिश करता है। इसके बाद ये शख्स वहां से निकलता है.. किसी तरह से इस गेट को खोलकर सीढ़ियों से आगे बढ़ता है लेकिन इसके चंद सेकंड बाद ही वो दोबारा इस जगह पर आता है। सामने पड़े पत्थर को उठाता है और मूर्तियों को खंडित करने के इरादे से अंदर चला जाता है।

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शिवा बनकर मंदिर पहुंचा था तौफीक

मंदिर में मूर्ति तोड़ने की खबर फैली तो भक्तों का जमावड़ा लग गया आसपास के लोगों का हुजूम पहुंच गया। जिस शख्स ने मूर्ति तोड़ी उसे फौरन पकड़ लिया गया।हैरानी की बात ये कि मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से पहले आरोपी ने जय श्री राम के नारे भी लगाए। मूर्ति तोड़ने वाले से नाम पता पूछा गया तो उसने पहले शिवम और शिवा बताया लेकिन जब जोर देकर पूछा गया तो उसकी असलियत सामने आ गई। मंदिर की देखरेख करने वालों के मुताबिक तौफीक के हुलिये और पहनावे को देखकर शक करना भी मुश्किल था..ऐसे में वो बड़ी आसानी से मंदिर के अंदर पहुंच कर भगवान की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने में कामयाब रहा।

पंजाब में निशाने पर मंदिर

पंजाब के राजपुरा के गुजरांवाला में कैसे एक बार फिर से मंदिर-मस्जिद के विवाद को हवा दी जा रही है? वहां बड़ी संख्या में पुलिसवाले पहुंचे और शिवलिंग को हटा दिया गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक बाकायदा पुलिस को इत्तला देकर पुराने कुएं को पाटकर शिवलिंग स्थापित किया गया था। यहां भव्य मंदिर निर्माण का प्लान था..लेकिन पुलिस ने इसे गैरकानूनी कब्जा बताकर न सिर्फ शिवलिंग को हटा दिया बल्कि अतिक्रमण का मुकदमा भी दर्ज कर दिया। विवाद की वजह इस इलाके की ये मस्जिद भी है जिसे दूसरा पक्ष बेहद प्राचीन सराय पर कब्जा करार देता है।

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