Sawal Public Ka: 2024 में विपक्ष को कौन करेगा एकजुट, नीतीश, ममता, KCR या पवार? 

Sawal Public Ka: उत्तर में नीतीश, दक्षिण में केसीआर, पूरब में ममता बनर्जी और पश्चिम में शरद पवार विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के दावेदार हैं। ऐसे में आज पब्लिक का सवाल है- मोदी से मुकाबला है ये समझ में आ रहा है लेकिन मुकाबले के लिए विपक्ष के नेता कौन है?  नीतीश, ममता, KCR या पवार ? 

Who will unite the Opposition in Lok Sabha elections 2024, Nitish Kumar, Mamata Banerjee, KCR or Sharad Pawar?
2024 में कौन होगा विपक्ष का चेहरा 
मुख्य बातें
  • 2024 में मोदी के मुकाबले कौन?
  • पूरी लड़ाई, तेरा PM, मेरा PM तक आई ?
  • 2024 में कितने चेहरों की लड़ाई ?

Sawal Public Ka: राजनीतिक पार्टियों की रैली में नारे लगते थे। दिल्ली दूर है, जाना जरूर है। 2024 में दिल्ली के लिए फिर से फाइट शुरू हो चुकी है। उत्तर-दक्षिण-पूरब-पश्चिम हर तरफ से आवाज उठ रही है । इस आवाज में एक कॉमन बात ये है कि सबका मुकाबला मोदी से है। मिलकर मुकाबले की बात जरूर हो रही है लेकिन इस joint fight की लाइन में सबसे आगे कौन होगा, इस पर विपक्ष एकमत नहीं है। मोदी से मुकाबले को लेकर दो नए बयान फिर से सामने आ गए। पहला बयान फिर से नीतीश का आया जिसमें उन्होंने विपक्ष को मोदी के खिलाफ एकजुट करने की बात कही। दूसरा बयान ममता बनर्जी के बेहद करीबी और राजनीतिक सिपहसलार माने जाने वाले सौगत राय का है, जिन्होंने कहा कि विपक्ष को एकजुट ममता करेंगी। 

हम आपको बता दें कि नीतीश कुमार का 2024 को लेकर ये दूसरा बयान है। इससे पहले जिस दिन उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ नई सरकार की शपथ ली। उस दिन उन्होंने कहा था कि वो रहें या न रहें। 2024 में मोदी नहीं होंगे दिल्ली की कुर्सी पर। अब नीतीश कह रहे हैं कि वो सबको एकजुट करेंगे। लेकिन मुद्दा सिर्फ नीतीश नहीं। मोदी को चुनौती चारों दिशाओं से मिल रही है। उत्तर में नीतीश, दक्षिण में केसीआर, पूरब में ममता बनर्जी और पश्चिम में शरद पवार। और सेंटर में राहुल गांधी Vs मोदी पिछले दो टर्म से हो रहा है। वो आप देख ही रहे हैं। ऐसे में आज पब्लिक का सवाल है- मोदी से मुकाबला है ये समझ में आ रहा..लेकिन मुकाबले का नेता कौन है?  नीतीश के बाद ममता की ओर से भी 2024 के लिए दावा ठोंका गया..इस रेस में और कौन-कौन है?

बीजेपी के साथ रहकर खामोशी से रहने वाले नीतीश..जबसे बीजेपी से अलग हुए हैं..खुलकर बोल रहे हैं। 48 घंटे में 2024 को लेकर नीतीश के दो बयान सामने आ चुके हैं। सुना आपने। PM कैंडिडेट वाले सवाल पर हाथ जोड़ रहे नीतीश ने विपक्षी दलों को एकजुट करने की बात कही। अब हम आपको एक-एक कर विपक्ष के PM कैंडिडेट के कितने दावेदारों के बारे में बताते हैं। सबसे पहले बात नीतीश की। जिन्होंने आज भी कहा वो 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष को एकजुट करने का काम करेंगे। कितना कर पाएंगे ये देखने वाली बात होगी। 

वहीं, TMC ये भी कह रही है कि ममता बनर्जी PM कैंडिडेट के सबसे मजबूत दावेदारों में से एक हैं। नेशनल लेवल पर वो पार्टी का विस्तार कर रही हैं। नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में उन्होंने कांग्रेस विधायकों और सांसदों को अपने पाले में मिलाया है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के नेताओं को वो पार्टी से जोड़ने में जुटी हैं। इनके अलावा राहुल गांधी हैं, जो 2014 से ही पीएम कैंडिडेट के दावेदार रहे हैं। इस बार भी वो मोदी के सामने होंगे ये तय है। लेकिन उनकी स्वभाविक दावेदारी पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि क्योंकि कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही। 

प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के दावेदार TRS चीफ और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव भी हैं। जो खुद को नेशनल फेस बनाने में जुटे हैं । KCR तेलंगाना के अलावा जहां भी जाते हैं, हिंदी में बोलते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में भी उन्होंने खुलकर पीएम मोदी पर हमला किया था।  इनके अलावा NCP सुप्रीमो शरद पवार भी लंबे समय से PM कैंडिडेट माने जाते रहे हैं । 2019 में बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाकर उन्होंने सबको चौंका दिया था। अब बीजेपी से नाता तोड़कर बिहार में बनी नई सरकार को भी पवार ने नीतीश का Right choice बताया।

तैयारी सबकी है..लेकिन कौन कितने पानी में है। इसके लिए जरूरी है कि कुछ चीजें डेटा के जरिए मैं आपके सामने रखूं । state wise देखिए .. जिन राज्यों के सीएम या नेता..पीएम मोदी को चुनौती दे रहे हैं..वहां उनकी स्थिति बीजेपी के सामने कैसी है। सबसे पहले बात पश्चिम बंगाल की। पश्चिम बंगाल में 2014 में TMC की 34 सीटें थीं, और बीजेपी की 2..लेकिन 2019 के चुनाव में बीजेपी को यहां 900 परसेंट का फायदा हुआ । ममता की 12 सीटें कम हो गईं। स्ट्राइक रेट की बात करें तो 2014 में TMC का स्ट्राइक रेट 81 फीसदी था और बीजेपी का 5 परसेंट..लेकिन 2019 में बीजेपी का स्ट्राइक रेट 43 परसेंट हो गया..और TMC का 52 प्रतिशत।
 
अब लोगों की दिलचस्पी ये है कि यहां 2024 में क्या होगा । 2019 के चुनाव के आधार पर अगर इसे देखें तो टीएमसी, कांग्रेस, बीएसपी, लेफ्ट सब को मिलाकर वोट शेयर साढ़े 56 परसेंट के करीब है..और बीजेपी अकेले करीब 41 फीसदी के आस-पास । यानी 2024 में अगर  बंगाल में विपक्ष एकजुट होता है तो बीजेपी को घाटा हो सकता है। लेकिन सवाल है कि क्या लेफ्ट औऱ कांग्रेस ममता दीदी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे ? इसी तरह बिहार का डेटा देखें तो 2014 में बीजेपी का स्ट्राइक रेट 73 परसेंट था..जो 2019 में 100 परसेंट हो गया। 

लेकिन अब चूंकि वहां सारा विपक्ष एक साथ आ गया है, तो 2019 के चुनाव के आधार पर इनके कुल वोट शेयर हैं- करीब 50 परसेंट दूसरी ओर बीजेपी और LJP को मिलाकर वोट शेयर है- करीब 33 परसेंट । यानी 2024 में अगर यही समीकरण रहा तो बीजेपी को नुकसान हो सकता है।  लेकिन ये अनुमान एकदम सही हो जाए ये भी नहीं कहा जा सकता । क्योंकि सियासत में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। यहां यूपी का ही Example देख लीजिए। 
 
2014 में यूपी में विपक्षी पार्टियों ने अलग अलग चुनाव लड़ा तो उनके वोट शेयर थे- करीब 50 परसेंट..और बीजेपी करीब 43 परसेंट लेकिन 2019 में जब विपक्षी पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा तो उनका वोट शेयर 6 फीसदी घट गया..वहीं बीजेपी को एक परसेंट से ज्यादा का फायदा हुआ । मतलब यहां विपक्ष के एकजुट होने के बावजूद बीजेपी भारी पड़ी। 

हाल ही में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में भी आपने देखा कि विपक्ष के तमाम प्रयास के बावजूद रिजल्ट मोदी के फेवर में आया । विपक्ष का पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक का सियासी समीकरण फ्लॉप हो गया। इससे आगे अब चर्चा 2024 की हो रही है । विपक्ष के अपने अपने पीएम कैंडिडेट की बात हो रही है । 

ऐसे में आज पब्लिक का सवाल है- 

सवाल नंबर-1 
2024 में विपक्ष को एकजुट' कौन करेगा..नीतीश, ममता, KCR या पवार ? 
दूसरा सवाल-
क्या विपक्ष ने मान लिया है कि 2024 में राहुल गांधी पीएम पद के उम्मीदवार नहीं ? 
और पब्लिक का तीसरा सवाल है
क्या एंटी मोदी कैंप सिर्फ इस नाम पर बन रहा कि उन्हें मोदी को रोकना है ?   

 

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