Jaipur Cyber Police Action: ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे नटवरलाल, कितनों से की ठगी उसे खुद नहीं पता

Jaipur Cyber Police Action: साइबर पुलिस ने साइबर विशेषज्ञों की एक टीम गठित कर ऑपरेशन शुरू किया। साइबर तकनीकी टीम ने ऑपरेशन के जरिए ठगी का शिकार हुए पीड़ित के पेटीएम के जरिए डिटेल जुटाई। इसके बाद आरोपी के पेटीएम बैंक व बैंक अकाउंट व मोबाइल नंबरों को ट्रेस कर ठग मनीष अत्री तक पहुंची।  

Jaipur Cyber Crime
जयपुर में पुलिस के हत्थे चढ़ा नटवरलाल   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • आरोपी की ठगी के शिकार हुए लोगों से मिली डिटेल के आधार पर आरोपी को डिटेन किया गया
  • आरोपी मनीष अत्री मूलरूप से हरियाणा के पलवल का रहने वाला है
  • आरोपी पेटीएम के जरिए लोगों से ठगी करता था

Jaipur Cyber Crime: जयपुर की साइबर पुलिस ने एक ऐसे नटवरलाल को दबोचने में सफलता हसिल की है जिसे खुद पता नहीं उसने कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है। साइबर पुलिस की पूछताछ में ये खुलासा हुआ है कि, आरोपी पेटीएम के जरिए लोगों से ठगी करता था। हालांकि इस शातिर ठग तक पहुंचने में पुलिस को काफी पसीना बहाना पड़ा।

साइबर पुलिस को आरोपी की ठगी के शिकार हुए लोगों से मिली डिटेल के आधार पर आरोपी को डिटेन किया गया। इसके बाद राजधानी की साइबर क्राइम पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के बिसरख इलाके से गिरफ्तार किया है। एसीपी अजयपाल लांबा के मुताबिक आरोपी मनीष अत्री मूलरूप से हरियाणा के पलवल का रहने वाला है। इसके पास से दो मोबाइल सहित चार सिमकार्ड बरामद हुए हैं। 

ऐसे पहुंची साइबर पुलिस आरोपी तक

एसीपी अजयपाल लांबा ने बताया कि, गत 15 जून को जयपुर के साइबर थाने में विनित कुमार ने परिवाद दिया था कि, किसी अज्ञात ने पेटीएम अकाउंट को हैक कर 20 लाख रूपए विड्राल कर लिए। इसके बाद एक्टिव मॉड पर आई साइबर पुलिस ने साइबर विशेषज्ञों की एक टीम गठित कर ऑपरेशन शुरू किया। साइबर तकनीकी टीम ने ऑपरेशन के जरिए ठगी का शिकार हुए पीड़ित के पेटीएम के जरिए डिटेल जुटाई। इसके बाद आरोपी के पेटीएम बैंक व बैंक अकाउंट व मोबाइल नंबरों को ट्रेस कर ठग मनीष अत्री तक पहुंची।  

खुद को याद नहीं कितनों को ठगा

आईपीएस लांबा ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि, वह साइबर क्राइम की दुनिया में कई सालों से है। उसे खुद को याद नहीं की उसे अब तक कितन लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है। एसीपी के मुताबिक ठग मनीष ने बताया कि, वह सबसे पहले यूपीआई यूज करने वाले लोगों के बारे में जानकारी जुटाता था। इसके बाद ठगी के शिकार के लिए चुने गए शख्स के सिम कार्ड जारी करने के दौरान जमा करवाए फोटो से मिलता जुलता नकली फोटो बनाता था। इसके बाद सिमकार्ड को ब्लॉक बताकर नई सिम इश्यू करवा लेता था। जिससे वह मोबाइल नंबर बंद हो जाता था। इसके बाद पेटीएम का अधिकारी बनकर उसके पेटीएम को अनब्लॉक करने के लिए कॉल करता था। इस दौरान वह ठगी के शिकार से सारी बैंक डिटेल जुटा लेता था। इसके बाद उसके अकाउंट से रूपए अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लेता था। साइबर पुलिस के मुताबिक आरोपी अधिकतर पेटीएम यूज करने वालों को ही अपना शिकार बनाता था। 

Jaipur News in Hindi (जयपुर समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।

अगली खबर