Jaipur Leopard Movement: राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व के जंगलों से भटका हुआ एक तेंदुआ अलवर शहर में पहुंच गया। आबादी के शोरगुल से घबराया हुआ लेपर्ड शहर की सड़कों पर चार घंटे तक बेखौफ घूमता रहा। तेंदुआ पहले जनाना अस्पताल में घुस गया, जिससे वहां मरीजों और उनके परिजनों में अफरा- तफरी मच गई। इसके बाद वह शहर के बाजारों में दौड़ता रहा। वन विभाग की टीम उसे काबू में करने के लिए इधर- उधर हांफती रही।
मगर तेंदुआ उन्हें हर बार छकाकर भागता रहा। इस दौरान करीब 4 घंटे तक शहर की सांसे थमी रही। बाद में वन विभाग की टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज कर काबू में किया व रेस्क्यू कर सरिस्का के जंगलों में छोड़ने के लिए ले गई। तब कहीं जाकर शहर के लोगों ने राहत की महसूस ली। इस मामले को लेकर अलवर उप वन संरक्षक एके श्रीवास्तव ने बताया कि, शहर के मेटरनिटी हॉस्पिटल की दूरी सरिस्का के बफर जोन से करीब दो किमी है। इस बफर जोन में तेंदुए की एक्टिवीटी रहती है। इसी वजह से तेंदुआ सबसे पहले जनाना अस्पताल में दाखिल हुआ। उन्होंने बताया कि, लपेर्ड संभवतया रात्रि में भटकर यहां आ गया। रातभर छुपा रहा। इसके बाद दिन में शोर- शराबे से घबरा कर बाहर निकल गया।
शहर के जनाना हॉस्पिटल परिसर में दोपहर को करीब डेढ़ बजे तेंदुए को सबसे पहले नर्सिंग कॉलेज के मैस कार्मिक ने देखा। उसी ने महकमे को सूचना दी। इसके बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। हॉस्पिटल में लेपर्ड के मूवमेंट की अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। जानकारी मिलने के थोड़ी देर बाद शहर के चार थानों की पुलिस सहित फोरेस्ट विभाग की टीमों के 50 लोग मौके पर आए। उपखंड अधिकारी प्यारेलाल सोंठवाल भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद वन विभाग की टीम ने लपेर्ड को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया। इस बीच लपेर्ड घबराकर अलवर के बाजारों की ओर निकल पड़ा। वह कटला बाजार में घुस गया। लेपर्ड को सड़कों पर दौड़ते देख लोगों की सांसे अटक गई। वह घबराया हुआ दौड़ता रहा। बचने के लिए कई सुनसान जगहों पर छुपता रहा। उसे पकड़ने के लिए पुलिस व वन विभाग के कार्मिक हांफते रहे। शाम को करीब 4 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद उसे ट्रेंकुलाइज कर काबू में किया गया।
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