अपराध के मामलों में राजस्थान लगातार अपने पायदान बदल रहा है तो वही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में अब कांग्रेस पदाधिकारी भी सुरक्षित नही है । यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह वीडियो कहता है जो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है.वीडियो कल देर शाम का है जब नोखा से कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष मेघ सिंह अपने परिवार के साथ देशनोक करणी माता के दर्शन कर वापस लौट रहे थे उसी बीच अचानक बदमाशों ने उनकी गाड़ी रुकवायी और फिर जो कुछ हुआ वह लोगों के मोबाइल में कैद होता चला गया एक-एक डंडा यू लग रहा था जैसे गहलोत सरकार के कानून की धज्जियां उड़ा रहा हो और कह रहा हो कि क्या आम और क्या खा सबके लिए अपराधी भारी है आज इनकी कल किसी और की बारी है।
पुलिस के मुताबिक आपसी रंजिश
पहले तो पुलिस मामले पर कुछ बोल ही नहीं। लेकिन जब पुलिस ने चुप्पी तोड़ी तो बताया कि सरपंच के चुनाव को लेकर कोई आपसी रंजिश है, जिसके चलते यह हमला हुआ है ।चलिए मान लिया कि रंजिश पुरानी है लेकिन जमाना तो पुराना नहीं है, गहलोत राज है, लोकतंत्र है ।जहां सरेआम इस तरह के दृश्य सामने आए तो फिर कानून पर विश्वास कैसे किया जाए? कानून का एकबाल बुलंद है या अपराधियों का, यह तो यह मंजर देख कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है। बदमाश तब तक डंडे बरसाते रहे जब तक कि वह मारते मारते थक नहीं गए । गनीमत रही कि मेघ सिंह के सांसे चलती रही और फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। मारे दहशत के देर रात तक fir तक दर्ज नहीं करा पाए। लेकिन जब थोड़ा संबल मिला तो नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई।
मारपीट की तस्वीर मोबाइल में कैद
अपराधी गिद्धों की तरह टूट पड़े लोग तमाशबीन बने मोबाइल में मंजर कैद करते रहे लेकिन अपराधियों की दहशत ऐसी की मजाल को बीच में बोल जाए । मेघ सिंह के दोनों पैर टूट चुके हैं, सिर पर गंभीर चोट है कमर पर भी ताबड़तोड़ वार किए गए हैं, मौके पर ही मेघ सिंह का काफी खून बह गया .. मौके की नजाकत को देखते हुए मेघ सिंह को नोखा के बागड़ी अस्पताल ले जाया गया जहां हालत गंभीर होने पर उन्हें बीकानेर के ट्रॉमा में शिफ्ट कर दिया गया फिलहाल वहां पर उनका इलाज जारी है. घटना के बाद सीओ नेमसिंह ओर थानाधिकारी ईश्वर जांगिड़ मामले की जाच में जुट गए है और अबतक हरि सिंह , पृथ्वी और बृजलाल सिंह की पहचान हुई है ।
राजस्थान के बारे में कांग्रेस क्यों नहीं बोलती
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को अपराधियों की घटनाक्रम के दौरान पर्यटन नजर आता है लेकिन क्या उनकी नजर राजस्थान पर नहीं जाती है ।उन्होंने कहा कि यह तो स्थिति तब है जब कांग्रेस की सरकार प्रदेश में है जो अपने संगठन के नेताओं को नहीं बचा सकते ,वहां कानून की स्थिति क्या होगी अंदाजा लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं पूनिया ने राजस्थान को अपराध की राजधानी तक कह डाला
उत्तर प्रदेश में भले ही राजनीति करने के लिए क्या दिल्ली और क्या राजस्थान कांग्रेस का तमाम कुनबा जैसे उमड़ पड़ा था लेकिन उन्हें राजस्थान दिखाई नहीं देता भले ही हनुमानगढ़ में किसानों पर लाठीचार्ज हो या फिर खुद ही के संगठन के नेताओं को सरेआम गुंडे पीट रहे हो किसी के जबान से उफ तक नहीं निकलती ऐसे में सवाल यही है क्या अपराध अपराधी और पीड़ित जगह और मौके के हिसाब से बदल जाते हैं...
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