Kanpur Cyber Crime Case: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दो मृत सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के नाम पर एक करोड़ रुपये का लोन लेने वाले साइबर ठगों ने कारोबारी के खाते से 84 लाख रुपये भी पार कर दिए। वहीं क्राइम ब्रांच ने इस साइबर ठग गिरोह का खुलासा कर दिया है। उधर, लोन चुकता नहीं करने पर बैंक ने शिकायत की। बैंक की शिकायत के बाद इस गिरोह के छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं क्राइम ब्रांच की जांच में इस गिरोह को लेकर और भी कई बड़े राज खुल सकते हैं।
कानपुर पुलिस को जानकारी मिली थी कि जेल में बंद मसाला कारोबारी सूर्यांश खरबंदा के दो बैंक खातों से साइबर ठगों ने 84 लाख रुपये पार कर दिए हैं। वहीं क्राइम ब्रांच ने सोमवार को मामले का खुलासा कर हैदराबाद निवासी निमग्दा फनी चौधरी और यारा साई किरण को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
गिरोह के सरगना निमग्दा ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। उसने बताया कि 2020 में हैदराबाद में दो अलग-अलग हादसों में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई थी। दोनों की मौत के बाद सरगना ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर साजिश रची और दोनों मृत इंजीनियरों के नाम पर 50-50 लाख रुपये का निजी बैंक से लोन ले लिया। क्राइम ब्रांच के अनुसार आरोपियों ने सोशल मीडिया और कंपनी की वेबसाइट से इंजीनियरों के बारे में जानकारी जुटाई थी।
गिरोह के सरगना ने इंजीनियरों का नाम, पता, ई-मेल व मोबाइल नंबर मिलने के बाद उनका आधार कार्ड निकलवाया था। इसके बाद निमग्दा ने उनके आधार कार्ड पर अपनी फोटो लगाई और निजी बैंकों से 50-50 लाख का लोन ले लिया। सरगना समेत सभी आरोपियों का अपराधिक रिकॉर्ड खंगालने पर यह खुलासा हुआ है। क्राइम ब्रांच अधिकारियों ने आठ आरोपियों के बैंक खाते सीज कराए हैं। इन सभी खातों में वर्तमान में पांच लाख रुपये हैं। बताया गया कि आरोपियों ने मोटी रकम रियल स्टेट या अन्य धंधों में लगा रखी है। यह साइबर ठग पिछले एक साल में करीब 10 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं।
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