Kanpur Hallett Hospital: हैलट अस्पताल में अब डॉक्टर दिखाई देंगे ड्रेस में, ये होगा सबका अलग-अलग ड्रेस कोड

Kanpur Hallett Hospital: मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि अस्पताल में ड्रेस कोड लागू करने की एक दूसरी वजह ये है कि यहां पर दलालों की ओर से मरीजों को ठगने के मामले को भी खत्म करना है।

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कानपुर के हैलट अस्पताल में ड्रेस कोड लागू  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • ऑपीडी में बैठने वाले चिकित्सकों में कनिष्ठ व वरिष्ठ का ड्रेस कोड अलग होगा
  • अस्पताल में लपकों व दलालों पर रोक लगेगी
  • ड्रेस कोड की तकनीक कारगर सिद्ध होगी

Kanpur Health News: कानपुर जनपद के हैलट हॉस्पिटल में अब चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी एक निर्धारित ड्रेस में दिखेंगे। इसके पीछे का मकसद मरीजों को आसानी से संबंधित रोग के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की पहचान हो सकना है। जिसके चलते मरीजों व उनके परिजनों को इधर-उधर भटकना ना पड़े। आपको बता दें कि यह पहल पेडियाट्रिक डिपार्टमेंट के मुखिया डॉ यशवंत राव ने की है।

इस मामले को लेकर एचओडी राव ने बाल रोग विभाग के तहत आने वाले सभी कार्मिकों व चिकित्सकों को तय किए गए ड्रेस कोड के बारे में जानकारी दी। सोमवार को इसे लागू भी कर दिया। इसे बाद कई माह से लंबित चल रहा अस्पताल में ड्रेस कोड लागू करने का मामला अब निपट गया है।

 ड्रेस कोड की तकनीक कारगर सिद्ध होगी

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि अस्पताल में ड्रेस कोड लागू करने की एक दूसरी वजह ये है कि यहां पर दलालों की ओर से मरीजों को ठगने के मामले को भी खत्म करना है। अब ड्रेस कोड होगा तो मरीजों व उनके परिजन चिकित्सकों व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कार्मिकों की आसानी से पहचान सकेंगे। इनके अलावा अस्पताल परिसर, आपातकालीन इकाई व मरीजों के वार्डों में जो दिखेगा उसे आइडेंटीफाई कर कार्रवाई की जाएगी। डॉ राव ने बताया कि ड्रेस कोड की तकनीक कारगर सिद्ध होगी। 

इस तरह होंगे सभी के ड्रेस कोड

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. काला ने बताया कि अस्पताल में कार्यरत लोगों को अलग-अलग ड्रेस कोड अलॉट किए गए हैं। जिसमें ओपीडी में बैठने वाले चिकित्सकों में कनिष्ठ व वरिष्ठ का ड्रेस कोड अलग होगा। इसके अलावा पैरा मेडिकल स्टॉफ व वार्डबॉय का अलग तरह का ड्रेस कोड होगा। उन्होंने बताया कि, अस्पताल में लपका गिरोह व बाहर के मेडिकल व लैबों के लोग अस्पताल में मरीजों को परेशान करते हैं। निरीक्षण के दौरान कई बार पकड़े भी जा चुके हैं। मगर हिदायत देकर छोड़ दिया जाता है। अब ड्रेस कोड लागू होने के बाद इन पर अंकुश लग जाएगा। 

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