नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश का अहम शहर कानपुर (Kanpur) उस वक्त दहल गया जब वहां पुलिस की एक टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें एक सीओ, एक एसओ, दो एसआई तथा 4 जवान समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए पुलिस को सूचना मिली थी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) गांव में छिपा है, इस घटना ने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश को भी हिलाकर रख दिया था, इसके बाद विकास दुबे को भी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था, उसकी पत्नी ऋचा दुबे ने कहा कि- उस रात मैं बिकरू में होती तो यह सबकुछ न होता मैं ही विकास को गोली मारकर विधवा हो जाती, यह कई लोगों के विधवा होने से तो बेहतर होता।
ऋचा ने कहा अगर विकास ने पुलिसकर्मियों की हत्या करने से पहले अपने इस इरादे के बारे में उन्हें बताया होता तो वह उस वारदात को रोकने की पूरी कोशिश करती। उस वारदात में मारे गए पुलिसकर्मियों की पत्नियों से माफी मांगते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनका वश चलता तो वह खुद को विधवा कर लेती मगर उस कृत्य को रोक देती।
इस बारे में कई बातों का खुलासा किया है, ऋचा का कहना है-मैं नहीं चाहती थी कि मेरे बच्चे विकास जैसे बनें, मैंने उसको बहुत समझाया लेकिन उसने कभी भी मेरी बात नहीं सुनी। मैं चाहती हूं कि बच्चे अपनी राह चलें और वो विकास दुबे जैसे ना बनें। ऋचा दुबे ने और भी बातों का खुलासा करते हुए कहा आठों पुलिसकर्मियों की शहादत पर दुख जाहिर किया है, ऋचा का कहना है कि बतौर पति और पिता विकास बहुत अच्छा था लेकिन वह अपनी गलत आदतों से बाहर नहीं आ पा रहा था।
विकास की पत्नी ऋचा ने बृहस्पतिवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि उसका पति अपने परिवार को बीच मझधार में छोड़ कर चला गया है। 'आज हम लोगों को उसकी बेहद जरूरत थी। हमारे लिए वह कुछ छोड़कर नहीं गया है। लोग कहते हैं कि 500 करोड़ की संपत्ति छोड़ गया है, लेकिन सच्चाई यह है कि मेरे पास कुछ भी नहीं है।' उन्होंने एक सवाल पर कहा कि विकास की दुबई तथा अन्य देशों और देश के विभिन्न हिस्सों में अरबों रुपए की संपत्ति होने की खबरें बिल्कुल फर्जी हैं। सोचिए, जिसके पास करोड़ों की संपत्ति होगी, उसकी बीवी क्या लखनऊ में 1,600 वर्गफुट के मकान में रह रही होती?
मैं विकास दुबे के कृत्य पर उन सभी परिवारों से माफी मांगती हूं, जिन लोगों ने अपनों को खोया है।'
कानपुर के बिकरू गांव में पिछली दो-तीन जुलाई की मध्यरात्रि को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य अभियुक्त रहा विकास अपने बच्चों को तो अच्छा भविष्य देना चाहता था मगर खुद अपराध की दुनिया से बाहर नहीं निकलना चाहता था।
ऋचा ने बताया कि वह अक्सर अपने पति को अपराध की दुनिया से बाहर निकलने के लिए समझाती थी, मगर वह अलग दिमाग का आदमी था। 'वह अच्छा पति और पिता भी था। वह चाहता था कि उसके बच्चे पढ़-लिख कर काबिल बनें लेकिन वह खुद अपराध की दुनिया से बाहर नहीं निकलना चाहता था। ज्यादा समझााने पर मारपीट करता था।'
सीसीटीवी से बिकरू का घटनाक्रम देख रही थीं, इस सवाल पर विकास की पत्नी की कहना है, 'सीसीटीवी 4 से 6 महीने पहले ही लगे थे। जब कैमरे लगे थे तो हमारे लिए यह नया अनुभव था। बाकी हम देख रहे थे, यह बात पूरी तरह से फेक है।'
घटनाक्रम को याद करते हुए रिचा ने बताया, 'लगभग 2 बजे रात मुझे मेरे पति का फोन आया। उन्होंने मुझे लखनऊ घर से तुरंत भागने के लिए कहा है क्योंकि बिकरू में कई लोग मारे गए थे। मैं तब तक भागती रही जब तक मुझे दोस्त के घर में आश्रय नहीं मिला। उसी समय मेरी उनसे अंतिम बात बात हुई थी औऱ उसके बाद कोई बात नहीं हुई। हालांकि उसने इस बात का खुलासा नहीं किया कि वह किसके घर पर ठहरी हुईं थीं।
ऋचा कहती हैं, 'विकास के आपराधिक बैकग्राउंड की वजह से ही मैंने यह तय किया था कि मैं अपने बेटों के साथ कहीं और रहूंगी। फिर हमने 2004 में लखनऊ में एक घर बनवाया। वह चाहते थे बच्चे अच्छी पढ़ाई करें और अच्छी जिंदगी जिएं।' गौरतलब है कि कानपुर के बिकरु गांव में पिछली दो-तीन जुलाई की मध्यरात्रि को विकास दुबे के गुर्गों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। इस मामले में विकास को पिछली नौ जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था। वहां से कानपुर लाते समय 10 जुलाई को रास्ते में एसटीएफ के साथ हुई कथित मुठभेड़ में वह मारा गया था।इस मामले में ऋचा से भी पूछताछ की गई थी।
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