IIT Kanpur News: कानपुर आईआईटी अब बैंक उपभोक्ताओं को हैकिंग और धोखाधड़ी से बचाएगा। संस्थान के एक इंक्यूबेटर नेपिड ने साइबर सिक्योरिटी आधारित एक ऐसा सिस्टम विकसित किया है, जिसकी मदद से किसी भी उपभोक्ता के बैंक खाते से फ्रॉड करना आसान नहीं होगा। इस पूरे सिस्टम का नेपिड ने पेटेंट भी करा लिया है। इसकी मदद से बैंक के जरूरी फॉर्म व लेनदेन सिर्फ उनके उपभोक्ता ही कर सकेंगे। आईआईटी कानपुर के इंक्यूबेटर नेपिड साइबरसिक के निदेशक सौम्या त्रिवेदी, वेंगटेसन कलिमुथु व विजयरंगम हैं।
टीम ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से हैकिंग व फ्रॉड के शिकार हो रहे लोगों को और बैंकों को बचाया जा सके। टीम के सदस्यों के मुताबिक यह वन टच ऑथेंटिकेटर है, जिसे साइबर सिक्योरिटी के साथ फ्रॉड फिल्टर सिस्टम और स्लीप मोड टेक्नोलॉजी की मदद से तैयार किया गया है।
इसकी मदद से बैंक के वास्तविक उपयोगकर्ता ही लॉग-इन फॉर्म, भुगतान फॉर्म, एटीएम और पीओएस मशीन का उपयोग कर सकेंगे। उपभोक्ता न होने की स्थिति में डिजिटल पेमेंट ऑप्शन नहीं आएगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एक हैकाथॉन का आयोजन किया था, जिसमें देशभर के विभिन्न स्टार्टअप ने हिस्सा लिया था। जिसमें यह नेपिड विजेता रहा।
दूसरी तरफ, आईआईटी अब 5जी, 6जी और एज कंप्यूटिंग के विशेषज्ञ तैयार करेगा। आने वाली 5जी तकनीक और भविष्य की जरूरत 6जी तकनीक के विशेषज्ञों को तैयार करने के लिए संस्थान ने संचार प्रणाली में एक ई-मास्टर्स प्रोग्राम शुरू किया है। इस कोर्स में तीन जून तक आवेदन किया जा सकता है। इसमें वे प्रोफेशनल ही हिस्सा लेंगे, जो अब तक इसी सेक्टर से जुड़े हैं।
देश ने 5जी टेस्टबेड लॉन्च करने के बाद 6जी की तकनीक पर शोध भी शुरू कर दिया है। आईआईटी कानपुर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की ओर से तैयार इस ई-मास्टर डिग्री प्रोग्राम से 5 जी, 6 जी और एज कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म पर आधारित आधुनिक संचार प्रणालियों को डिजाइन करने वाले पेशेवर तैयार होंगे।
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