Indian Railway: रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर, चार महीने बाद मुंबई रूट पर दौड़ेने लगेगी सेमी हाईस्पीड ट्रेन

Indian Railway Update: कानपुर से मुंबई रूट पर सेमी हाई स्पीड ट्रेनें दिसंबर से फर्राटा भरेंगी। नवंबर तक कानपुर के भीमसेन से झांसी लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाएगा।

Indian Railways
4 माह बाद मुंबई रूट पर दौड़ेंगी सेमी हाईस्पीड ट्रेन (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: Facebook
मुख्य बातें
  • रेल यात्रियों के लिए गुड न्यूज, मिलेगी बड़ी राहत
  • चार माह बाद मुंबई रूट पर दौड़ेंगी सेमी हाईस्पीड ट्रेन
  • नवंबर के अंत में पूरा हो जाएगा दोहरीकरण का काम

Indian Railway Update: रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। चार महीने बाद दिसंबर से मुंबई रूट पर सेमी हाई स्पीड ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। दरअसल,  नवंबर तक कानपुर के भीमसेन से झांसी लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाएगा। झांसी के आगे पहले से ही लाइन इलेक्ट्रिक और दोहरी है। इससे 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों को दौड़ाया जा सकेगा। भीमसेन से झांसी की दूरी 206 किलोमीटर है। 173.44 किमी पर काम पूरा कर लिया गया है। बचा 31.95 किमी का काम नवंबर अंत हो जाएगा। इसके पूरा होते ही कानपुर से झांसी होते हुए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की ट्रेनों को बढ़ाया जाएगा। 

कानपुर से मुंबई रूट के लिए यात्रियों की मांग अधिक होने के बाद भी सिंगल लाइन की वजह से ट्रेन नहीं बढ़ाई जाती हैं। एक ही लाइन पर अप-डाउन की ट्रेनों के चलने से औसत अधिकतम स्पीड 90-100 किमी प्रति रहती है।

2239.96 करोड़ रुपये से पूरा होगा काम

कानपुर से भीमसेन तक डबल रेलवे लाइन है। भीमसेन से झांसी तक सिंगल लाइन है। ऐसे में भीमसेन तक ट्रेनें आसानी से आती जाती हैं, लेकिन इसके आगे ट्रेनें फंसने लगती हैं। भीमसेन से पामा स्टेशन तक 17.24 किमी के दोहरीकरण और विद्युतीकरण के रेल संरक्षा आयुक्त मोहम्मद लतीफ खान ने ट्रायल के बाद 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन को चलाने की अनुमति दे दी है। ऐसे में कानपुर सेंट्रल से पामा तक आने-जाने में ट्रेनें नहीं फंसेंगी। 156.20 किमी का रेलवे ट्रैक पहले ही तैयार हो चुका था। यह पूरा काम 2239.96 करोड़ रुपये में कराया जा रहा है।

अभी चल रही हैं 40 जोड़ी ट्रेनें

कानपुर से झांसी होते हुए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लिए अभी 40 जोड़ी ट्रेनें चल रही हैं। सिंगल रूट होने की वजह से इस रूट पर ट्रेनों को नहीं बढ़ाया जा रहा है। हालांकि इस रूट पर ट्रेनों की मांग बहुत है। झांसी मंडल के पीआरओ मनोज कुमार ने बताया कि कानपुर के भीमसेन से झांसी तक सिंगल ट्रैक होने से ट्रेनें लेट भी होती हैं और संख्या भी कम है। नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में दोहरीकरण व विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाएगा। इसके पूरा होने पर एमपी और महाराष्ट्र के शहरों के लिए ट्रेनें बढ़ेंगी। कानपुर से मुंबई के लिए यात्रियों का लोड अधिक है। 
 

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