नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति समर्थन जताया और कहा कि कृषि कानूनों को ‘कूड़ेदान’ में फेंकना ही इस मुद्दे का एकमात्र समाधान है और अगर सरकार ने इन तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया तो किसान आंदोलन पूरे देश और खासकर, शहरी इलाकों में फैल जाएगा।उन्होंने सरकार पर किसानों पर डराने-धमकाने का आरोप लगाया और यह दावा भी किया कि गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस तैनात करके और सिंघु बॉर्डर पर मौजूद किसानों पर पथराव करके किसान का हौसला नहीं तोड़ा जा सकता है। लेकिन उनके इस बयान पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तंज कसा और कहा कि वो एक ऐसे शख्स हैं जो देश को आग लगाने का आह्वान कर रहे हैं।
कृषि कानून देश के लिए घातक
राहुल गांधी ने कहा था कि वो देश के युवाओं को बताना चाहते हैं कि कृषि कानूनों को समझने की जरूरत है। पहला कानून हमारी मंडी व्यवस्था को नष्ट कर देगा। दूसरे कानून से यह होगा कि 4-5 उद्योगपति जितना भी अनाज जमा करना चाहते हैं, कर सकते हैं। ये कानून लागू होने के बाद किसान अपनी फसल के दाम का मोलभाव नहीं कर पायेगा।राहुल गांधी ने कहा कि तीसरा कानून का मतलब यह है कि किसान अदालत नहीं जा सकता। इन तीन कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली के बाहर खड़े हैं।
संवेदनहीन बयान देते हैं राहुल गांधी
स्मृति ईरानी ने कहा कि भारत ने आज शहरों में हिंसा के लिए राहुल गांधी के स्पष्ट आह्वान को देखा, इससे पहले किसी भी राजनीतिक नेता ने ऐसा नहीं किया है। यह चौंकाने वाला है, लेकिन उम्मीद थी कि उसने दिल्ली पुलिस के 300 से अधिक घायल लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा। दरअसल राहुल गांधी को गैरजिम्मेदाराना बयान देने की आदत पड़ चुकी है।
कृषि कानूनों के जरिए मध्यम वर्ग को झटका
इन कानूनों से सरकार देश के मध्यम वर्ग को बड़ा झटका देगी क्योंकि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हो जाएगा।कांग्रेस नेता ने किसान नेताओं को दिए गए नोटिस और मामले दर्ज होने का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए यह आरोप भी लगाया कि सरकार एनआईए का उपयोग कर किसानों को धमका रही है।उन्होंने कहा, ‘‘सरकार किसानों को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। आज जो हो रहा है, सिंघू बॉर्डर पर सरकार जो किसानों पर आक्रमण कर रही है, किसानों को मार रही है, ये बिल्कुल गलत है।उन्होंने कहा कि तीनों कानूनों को ‘कूड़ेदान’ में फेंकना ही इस मुद्दे का एकमात्र समाधान है।
Kanpur News in Hindi (कानपुर समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharatपर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।