धूल की एलर्जी का अब खात्मा करेगा ये नेजल जैल स्प्रे, ड्रग कंट्रोलर जनरल की एक्सपर्ट कमेटी से मिली मंजूरी

Nasal Gel Spray: हाउस डस्ट माइट एलर्जी के शिकार लोगों के लिए अच्छी खबर है। नेजल जैल स्प्रे धूल की एलर्जी का खात्मा करेगा। यह जल्द ही बाजार में मिलने लगेगा। ड्रग कंट्रोलर जनरल (इंडिया) की एक्सपर्ट कमेटी ने इसकी मंजूरी दे दी है।

kanpur news
कानपुर का जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • ड्रग कंट्रोलर जनरल (इंडिया) की एक्सपर्ट कमेटी ने दी मंजूरी
  • हाउस डस्ट माइट एलर्जी के शिकार लोगों को मिलेगी राहत
  • जैल नाक की सतह पर चिपककर एलर्जी पनपने नहीं देगा

Nasal Gel Spray: धूल से एलर्जी संबंधी दिक्कतें अब आपको परेशान नहीं करेंगी। इसका खात्मा नेजल जैल स्प्रे करेगा। इसे जल्द ही बाजार में उतारा जाएगा। स्प्रे को ड्रग कंट्रोलर जनरल (इंडिया) की एक्सपर्ट कमेटी ने मंजूरी दे दी है। इसका प्रयोग करने के दौरान जैल नाक की सतह पर चिपक जाएगा और एलर्जी को पनपने ही नहीं देगा। स्प्रे को हाउस डस्ट माइट एलर्जी के शिकार लोगों के लिए भी काफी मुफीद माना जा रहा है। ड्रग कंट्रोलर जनरल (इंडिया) की एक्सपर्ट कमेटी कोऑर्डिनेशन सेल की सदस्य और कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने बताया कि, कमेटी ने नेजल जैल स्प्रे के साथ एक इम्युमो बूस्टर और एक एंटीबायोटिक सॉल्ट की दो नई दवाओं को भी मंजूरी दी है। यह भी जल्द बाजार में आ जाएंगी।

उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने बताया कि, नाक के जरिए संक्रमण और एलर्जी कारक तत्व अंदर पहुंच जाते हैं। स्प्रे से निकला जैल दोनों नाक के छिद्रों में चिपककर खुश्की रोकेगा और एलर्जी वाले तत्वों को अंदर जाने से भी रोक देगा। 

नाक के म्यूकोसा की सतह पर सुरक्षात्मक परत बन जाएगी

स्प्रे लगाने के तुरंत बाद नाक के म्यूकोसा की सतह पर सुरक्षात्मक परत बन जाएगी। जब अवरोध स्थापित हो जाता है, तो एलर्जेंस नाक के म्यूकोसा और मस्तूल कोशिकाओं के संपर्क में नहीं आ सकेंगे। आपको बता दें कि 35 फीसदी लोगों को भारत में नाक की एलर्जी से बड़ी दिक्कत है। 

डस्ट माइट एलर्जी से पीड़ित लोगों में घरघराहट और सांस लेने में होती है दिक्कत

हाउस डस्ट माइट इनडोर एलर्जी का सबसे सर्वव्यापी स्रोत है जो एलर्जी पैदा करता है। इसके लक्षण छींकने और बहती नाक शामिल हैं। डस्ट माइट एलर्जी से पीड़ित कई लोगों में घरघराहट और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखते हैं। एलर्जी संवेदीकरण का कारण बनने वाली मुख्य प्रजातियां डर्माटोफैगाइड्स पेरोटोनिसिनस और डर्माटोफैगाइड्स साइना हैं। ज्यादातर घरों में बेड, फर्नीचर और कारपेटिंग धूल के कण एलर्जी रोग पैदा करते हैं। अधिकांश धूल के कण कम आर्द्रता के स्तर या अत्यधिक तापमान में मर जाते हैं लेकिन वे अपने मृत शरीर को छोड़ देते हैं और एलर्जी का कारण बन जाते हैं।

Kanpur News in Hindi (कानपुर समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharatपर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।

अगली खबर