क्राइम ब्रांच के अफसर बनकर पूर्व ब्लॉक प्रमुख से वसूली करने आए तीन शातिर गिरफ्तार, मारा था फर्जी छापा

Fake Crime Branch Officer: कानपुर देहात के मैथा की पूर्व ब्लॉक प्रमुख रंजू यादव के बिधनू स्थित घर पर क्राइम ब्रांच लखनऊ के फर्जी अधिकारी बनकर वसूली करने पहुंचे तीन बदमाशों को पकड़ा गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

Fake Crime Branch Officer
क्राइम ब्रांच के फर्जी अफसर   |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • कानपुर पुलिस ने क्राइम ब्रांच के तीन फर्जी अधिकारी किए गिरफ्तार
  • मैथा की पूर्व ब्लॉक प्रमुख के घर फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारियों का छापा
  • लग्जरी कार, दो वॉकीटॉकी और एक दरोगा का फर्जी आई कार्ड मिली

Fake Crime Branch Officer: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिधनू में न्यू आजाद नगर चौकी इलाके के गोपाल नगर में रहने वाले पूर्व ब्लॉक प्रमुख मैथा कानपुर देहात रंजू यादव के घर तीन लोगों ने खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर छापा मारा। एक सीओ, एक दरोगा और एक सिपाही ने उगाही के लिए पांच लाख रुपये की डिमांड की। बातचीत के दौरान शक होने पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख के गार्ड ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने फर्जी अधिकारी बनकर वसूली करने पहुंचे तीन बदमाशों को दबोच लिया। पुलिस को बदमाशों के पास से लग्जरी कार, दो वॉकीटॉकी और एक दरोगा का फर्जी आई कार्ड मिली है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।

रंजू यादव ने बताया कि, गुरुवार को कार सवार तीनों लोग घर आए और खुद को क्राइम ब्रांच का सीओ बताकर छापा मारा। इसके बाद कार्रवाई का डर दिखाते हुए आरोपियों ने रुपयों की डिमांड की। शक होने पर उनके गनर ने यह सूचना एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह को दे दी। 

फर्जी दस्तावेज के जरिए धोखाधड़ी आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज

एसपी आउटर ने तुरंत पुलिस को वहां भेजा। पुलिस ने तीनों को पकड़ लिया। युवकों की पहचान लखनऊ के गाजीपुर के मो. माज, आशुतोष पांडेय और गोरखपुर के बृजेश सिंह के रूप में की गई है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने फर्जी दस्तावेज के जरिए धोखाधड़ी आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। वहीं, दूसरी ओर पकड़े जाने पर एक आरोपी माज ने पुलिस कंट्रोल रूम में अपहरण कर बंधक बनाए जाने की सूचना दी थी।

पूर्व ब्लॉक प्रमुख के संग खनन का काम करता था माज

वहीं, माज ने पुलिस को बताया कि, वह पूर्व ब्लॉक प्रमुख रंजू यादव के साथ खनन का काम करता था। रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद हो रहा है। बुधवार रात फोन पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख के साथ कहासुनी भी हुई थी। इस दौरान बृजेश सिंह ने खुद को सीओ क्राइम ब्रांच लखनऊ बताकर धमकाया भी था।

इसलिए साथ रखते थे वॉकीटॉकी

फर्जी आईकार्ड और वॉकीटॉकी बरामद होने पर आरोपियों ने कहा कि, वह टोल टैक्स बचाने के लिए इन्हें साथ रखते थे। लखनऊ के गोमतीनगर थाने में आरोपियों के खिलाफ चोरी समेत तीन मामले दर्ज हैं। वहीं, रंजू यादव ने बताया कि, मूलरूप से फर्रुखाबाद का रहने वाला मोहम्मद माज पहले उनकी कार चलाता था। छह महीने पूर्व उसे निकाल दिया था। 
 

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