Kanpur Violence: पोस्टर का खौफ! थाने जाकर सरेंडर करने लगे उपद्रवी, हिरासत में प्रिंटिंग प्रेस का मालिक

Kanpur Violence updates: कानपुर हिंसा मामले में यूपी पुलिस के साथ-साथ जिला प्रशासन भी एक्शन ले रहा है। हिंसाग्रस्त इलाके की अवैध इमारतों की पहचान की गई है। साथ ही उन पेट्रोल पंपों पर भी कार्रवाई की जा रही है जिन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर लोगों को बोतल में पेट्रोल दिया है।

Kanpur Violence: suspects surrender in police station, printing press owner in custody
कानपुर हिंसा मामले में पुलिस ने तेजी की कार्रवाई।  
मुख्य बातें
  • कानपुर में तीन जून को हुई हिंसा की जांच में जुटी है पुलिस
  • पुलिस ने हिंसा में शामिल 40 संदिग्धों के पोस्टर जारी किए हैं
  • पोस्टर जारी होने के बाद उपद्रवियों में खौफ साफ दिखने लगा है

Kanpur Violence news: कानपुर हिंसा मामले में पुलिस एक्शन में है। हिंसा में शामिल उपद्रवियों की पहचान के लिए उसने 40 संदिग्धों के पोस्टर जारी (posters of suspects) किए हैं। इसका असर भी दिखने लगा है। उपद्रवी खुद थाने जाकर सरेंडर करने लगे हैं। पोस्टर लगने के बाद अब तक तीन आरोपियों ने सरेंडर किया है। अन्य आरोपियों की पहचान के लिए पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही है। वहीं, बंद से जुड़े पोस्टर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस पर कार्रवाई हुई है। पुलिस ने आपत्तिजनक पोस्टर छापने की जानकारी न देने पर रोमा प्रिंटिंग प्रेस के मालिक शंकर को हिरासत में लिया है।  बताया जा रहा है कि हयात कासमी ने इसी प्रेस से बंद से जुड़े पोस्टर छपवाए थे।

हिंसा मामले में जिला प्रशासन ने भी उठाए कदम
कानपुर हिंसा मामले (Kanpur Violence) में यूपी पुलिस के साथ-साथ जिला प्रशासन भी एक्शन ले रहा है। हिंसाग्रस्त इलाके की अवैध इमारतों की पहचान की गई है। साथ ही उन पेट्रोल पंपों पर भी कार्रवाई की जा रही है जिन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर लोगों को बोतल में पेट्रोल दिया है। एक पेट्रोल पंप को सील किया गया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि संदिग्धों ने हिंसा से पहले बैठक की। प्रदर्शन को व्यापक बनाने के लिए वाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल हुआ। प्रदर्शन से जुड़े 141 चैट ग्रुप सामने आए हैं। हिंसा के दौरान रूमाल से इशारा किया गया। उपद्रवियों ने सीसीटीवी तोड़े। बताया जा रहा है कि हिंसा के लिए आरोपियों ने ठेले पर पत्थर पर लाए।


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हिंसा के पीछे PFI की साजिश?
तीन जून को हुई हिंसा की जांच में कानपुर पुलिस की कई टीमें जुटी हैं। हिंसा से पीएफआई कनेक्शन की जांच भी की जा रही है। पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही है। आपत्तिजनक पोस्ट करने पर आठ सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है। कानपुर पुलिस मंगलवार को फ्लैग हिंसा वाले इलाके में फ्लैग मार्च करने वाली है। आरोप है कि इस हिंसा की साजिश पीएफआई ने रची। पथराव के पीछे उसी की साजिश है। जांच में यह भी बात सामने आई है कि हिंसा की घटना के लिए कानपुर के अलावा उन्नाव एवं अन्य जिलों से भी लोग पहुंचे थे। पुलिस संदिग्धों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज देख रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश में है कि हिंसा के लिए बाहर के किन-किन जिलों से लोगों को बुलाया गया था। 


 

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