Places To Visit In Janmashtami 2022 : जन्माष्टमी मनाना चाहते हैं खास तो इन 5 जगहों का बनाए प्लान

Places To Celebrate Janmashtami : कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन भक्त भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान से पूजा व्रत करते हैं। अगर आप इस बार जन्माष्टमी को खास बनाना चाहते हैं तो ऐसी जगह जरूर जाएं जहां कृष्ण जन्माष्टमी के दिन काफी भव्य महोत्सव होता है।

place to visit on Janmashtami
Krishna Janmashtami 2022  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था
  • हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव 18 अगस्त को मनाया जाएगा
  • भारत में ऐसी कई जगह है जहां कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भव्य कृष्ण जन्मोत्सव देखने को मिलता है

Best Places To Visit In Janmashtami: कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव 18 अगस्त को मनाया जाएगा। भारत में ऐसी कई जगह है जहां कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भव्य कृष्ण जन्मोत्सव देखने को मिलता है और यहां लोग दूर-दूर से कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाने आते हैं। अगर आप भी इस जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होना चाहते हैं तो इन पांच जगह जरूर अपने परिवार के साथ घूमने जाएं। इन जगहों से भगवान श्री कृष्ण का इतिहास जुड़ा है। आइए जानते हैं उन पांच जगहों के बारे में जहां जन्माष्टमी का त्योहार मनाने आपको जरूर जाना चाहिए।

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मथुरा

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मथुरा जाना सबसे अच्छा रहेगा। उत्तर प्रदेश के यमुना नदी के तट पर स्थित मथुरा भगवान श्री कृष्ण का जन्म स्थान है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में ही हुआ था। यहां भगवान श्री कृष्ण के प्रमुख मंदिर है। जहां कृष्ण जन्माष्टमी के दिन काफी धूमधाम से पूजा पाठ होती है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां मंदिरों को एकदम दुल्हन की तरह सजाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन यहां भक्तों का तांता लगता है।

वृंदावन 

मथुरा से लगभग 14 से 15 किलोमीटर दूरी पर वृंदावन है। वृंदावन में श्री कृष्ण पले बढ़े थे। वृंदावन को भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का स्थान माना जाता है। विष्णु पुराण में वृंदावन की महिमा का वर्णन किया गया है। यह वह जगह है जहां श्री कृष्ण ने महारस किया था। वृंदावन के कण कण में राधा कृष्ण के प्रेम की आध्यात्मिक धारा बहती है।

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द्वारिका

द्वारिका का भी बड़ा धार्मिक महत्व है। द्वारिका में भगवान श्रीकृष्ण को अपनी एक पहचान मिली थी। विष्णु पुराण के मुताबिक मथुरा छोड़ने पर भगवान श्री कृष्ण ने लगभग 5000 वर्षों तक यहां निवास स्थान बनाया था। पौराणिक कथा के अनुसार यह स्थान श्री कृष्ण के भाई बलराम ने बनाया था।

जगन्नाथ पुरी

जगन्नाथ मंदिर भारत का सबसे पवित्र चार धाम मंदिरों में से एक है। यह पुरी में स्थित है। यहां भगवान जगन्नाथ की बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं। जगन्नाथ मंदिर विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण को समर्पित हैं। जन्माष्टमी में यहां काफी भव्य महोत्सव होता है।

गोकुल

गोकुल मथुरा से करीब 25 किलोमीटर दूर बसा है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म के उपरांत यमुना नदी पार करके वासुदेव भगवान श्री कृष्ण को नंद बाबा के घर के यहां छोड़ कर गए थे। यह स्थान भगवान श्री कृष्ण के बचपन से जुड़ा है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।

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