Bareilly History, Bareilly Ka Itihas in Hindi: उत्तर प्रदेश का बरेली शहर जो कई नामों से मशहूर है इसे बांस बरेली भी कहा जाता है साथ ही इसे नाथ नगरी भी कहा जाता है और शहर-ए आला हजरत के नाम से भी मशहूर है प्राचीन काल में से बांस बरेली के नाम से ही जाना जाता था उसके बाद इसका नाम बदलकर बरेली हो गया इस शहर का इतिहास काफी पुराना है कहा जाए तो मुगलिया काल से भी पुराना यही कारण है कि इस शहर के अंदर कई ऐतिहासिक इमारतें है अंग्रेजों के खिलाफ बगावत में भी इस शहर का नाम आगे रहा है क्रांतिकारियों का यह गढ़ माना जाता था जंगे आजादी में इस शहर ने अपनी बड़ी भूमिका निभाई है कई क्रांतिकारी इस शहर से निकले जिन्होंने अंग्रेजों की नाक में दम किया और बाद में फांसी के फंदे पर झूल गए इस शहर के अंदर सभी धर्म एक साथ मिलजुल कर रहते हैं
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अट्ठारह सौ सत्तावन की लड़ाई में रोहिलखंड के सरदार खान बहादुर खान के नेतृत्व में क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी इसकी कई सारी निशानियां आज भी बरेली शहर के अंदर मौजूद है इसमें सबसे प्रमुख कमिश्नरी पर स्थित एक बरगद का पेड़ जहां पर 257 आजादी के योद्धाओं को फांसी दी गई थी वह मौजूद है उस वक्त में 257 आजादी के परवानों को एक साथ फांसी देकर उनकी लाशें इसी पेड़ पर लटका दी गई थी इस बात से आप समझ सकते हैं कि बरेली आजादी की लड़ाई में अपना कितना बड़ा योगदान दे चुका है और इन 257 लोगों में सभी धर्मों के लोग शामिल थे
इस्लामिक विद्वान इमाम अहमद रजा खान बरेलवी यानी कि आला हजरत भी इसी शहर से हैं उनकी दरगाह शहर के अंदर हिंदू मुस्लिम सिख एकता का प्रतीक है सभी धर्मों के लोग दरगाह ए आला हजरत में अकीदत के साथ जाते हैं सुन्नी मुसलमानों का यह सबसे बड़ा केंद्र भी माना जाता है हर साल होने वाले उनके उर्स में लाखों की तादात में देश-विदेश से जायरीन आते हैं, दरगाह-ए आला हजरत दुनिया भर में मशहूर है इस दरगाह के मुरीद लाखों की तादात में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बसे हुए हैं यही कारण है कि उर्स-ए रजवी में लाखों की तादात में भीड़ देखने को मिलती है।
वहीं दूसरी तरफ इस शहर को नाथ नगरी के रूप में भी जाना जाता है यहां पर तपेश्वर नाथ मंदिर त्रिवटी नाथ मंदिर मणिनाथ मंदिर, बनखंडी नाथ मंदिर, अलखनाथ मंदिर और पशुपतिनाथ मंदिर भी हैं जो इस शहर की शोभा को और ज्यादा बढ़ा देते हैं इन सभी मंदिरों में पुरानी मान्यताओं के हिसाब से दूरदराज से लोग आते हैं और भगवान के दर्शन करते हैं
बरेली से जुड़ी एक और दिलचस्प बात है पुराने लोगों के मुताबिक यह माना जाता है कि बरेली के दुर्गा नगर स्थित भगवान बुध का आगमन हुआ था यह जगह बरेली शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर मानी जाती है और यहां पर एक पुराना किला भी मौजूद है मौजूदा हालत में यह किला खंडहर के रूप में तब्दील हो चुका है लेकिन दूर दराज से लोग इस किले को देखने आज भी आते हैं
दरगाह आला हजरत के अलावा भी इस शहर में कई दरगाह हैं जो ऐतिहासिक मानी जाती हैं शाहदाना वली मियां की मजार, शराफत मियां की दरगाह, दूल्हे मियां का मजार और खानकाह-ए नियाजिया इस फेहरिस्त में शामिल है
बॉलीवुड की दुनिया में भी बरेली शहर ने अपना जौहर दिखाया है प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री हैं जो इसी शहर से ताल्लुक रखती हैं बचपन में यही पली-बढ़ी प्रियंका चोपड़ा इस वक्त दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं और बरेली को उन्होंने एक अलग पहचान दी है।
बरेली के अंदर एक ऐतिहासिक चर्च भी है सिविल लाइन के बटलर प्लाजा के सामने मौजूद यह चर्च अंग्रेजों के जमाने का माना जाता है इस चर्च से जुड़ी कई सारी मान्यताएं हैं सभी धर्मों के लोग चर्च में घूमने जाते हैं विशेष तौर पर बड़े दिन के रूप में 25 दिसंबर को इस चर्च में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं उस दौरान इसकी सुंदरता देखने लायक होती है
शिक्षा के बीच क्षेत्र में रोहिलखंड क्षेत्र को बरेली ने बहुत कुछ दिया है यहां पर मौजूद महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय क्षेत्र को लगातार शिक्षा में आगे बढ़ा रहा है वहीं दूसरी तरफ कई अन्य प्राइवेट संस्थान भी क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपना योगदान निभा रहे हैं मौजूदा वक्त में बरेली को शिक्षा और स्वास्थ्य का एक केंद्र माना जाता है दिल्ली और लखनऊ के बीच में स्थित बरेली अपनी एक नई पहचान बना चुका है।
(तस्वीर के लिए साभार - NIC Bareilly)