नई दिल्ली: गुजरात के अहमदाबाद, वड़ोदरा आदि शहरों में सड़कों के किनारे, स्ट्रीट वेंडर द्वारा मांसाहारी भोजन (Non-Veg)बेचने को लेकर पिछले दो हफ्ते से विवाद चल रहा है। ऐसी खबरें थी कि अहमदाबाद, वड़ोदरा, राजकोट में म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऐसे फरमान जारी कर सकता है। कि इन शहरों में स्ट्रीट वेंडर मांसाहारी भोजन नहीं बेच सकेंगे। या फिर उन्हें कड़े मानकों का पालन करना होगा। बढ़ते विरोध के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी.आर.पाटिल ने मामले को शांत करने की कोशिश भी की। उनका कहना था कि नॉन वेज खाने को लेकर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। और लोग जो भी चीज खाना चाहते हैं, यह उनका अधिकार है।
लेकिन इस विवाद से यह भी सवाल उठने लगा है कि आखिर में भारत के लोगों की खान-पान की आदतें (Food Habit) क्या हैं। तो इसका सही जवाब नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-2015-16 और भारत सरकार की जनगणना 2011 के आंकड़े से मिलता है।
जानें कितने लोग शाकाहारी
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-2015-16 के अनुसार, देश में 30 फीसदी महिलाएं और 22 फीसदी पुरूष, ऐसे हैं जो शाकाहारी भोजन खाते हैं। ये ऐसे लोग हैं कि जो मांस, मछली और अड्डे नहीं खाते हैं। सर्वे के अनुसार 2004-05 से 2015-16 के बीच में लोगों के खान-पान में कोई अहम बदलाव नहीं आया है। सबसे बड़ी बदलाव केवल दूध के इस्तेमाल के रुप में दिखा है। इस दौरान दूध का इस्तेमाल बढ़ा है। जबकि हरी और पत्तेदार सब्जियों के इस्तेमाल में थोड़ी कमी देखी गई है।
इन राज्यों के लोग सबसे ज्यादा शाकाहारी
जनगणन 2011 के आधार पर बनी बेसलाइन रिपोर्ट-2014 के अनुसार सबसे ज्यादा शाकाहारी लोग राजस्थान में हैं। जहां पर करीब 74 फीसदी आबादी शाकाहारी है। इसके बाद हरियाणा में करीब 69 फीसदी आबादी शाकाहारी है। हरियाणा के बाद पंजाब का नंबर आता है। यहां पर करीब 65 फीसदी लोग शाकाहारी हैं । इसी तरह गुजरात में 60 फीसदी लोग शाकाहारी हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का नंबर आता है।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा मांसाहारी
रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सबसे ज्यादा लोग मांसाहारी हैं। यहां पर 98 फीसदी लोग मांसाहारी है। इसके बाद उड़ीसा, तमिलनाडु में 97 फीसदी से ज्यादा, केरल और झारखंड में 96 फीसदी, बिहार में 92-93 फीसदी लोग मांसाहारी हैं।