नई दिल्ली: महादेव की नगरी हरिद्वार उत्तराखंड का मुख्य आकर्षण केंद्र है जो आध्यात्म और आस्था के साथ आश्रम का भी केंद्र है। यहां की हरियाली, कल-कल बहती गंगा नदी, शांत और मनोहर घाट पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि आप भी देवभूमि हरिद्वार जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको इन जगहों पर अवश्य जाना चाहिए।
दिल्ली से हरिद्वार की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है यानि आप यहां पर 5 घंटे 41 मिनट में पहुंच सकते हैं। ऐसे में आप अपने दो से तीन दिनों की साप्ताहिक छुट्टी के दौरान भगवान शिव की नगरी हरिद्वार जाकर प्रकृति के मनोरम दृश्य का लुत्फ उठा सकते हैं और भगवान शिव की भक्ति में लीन हो सकते हैं।
हर की पौड़ी से करें शुरुआत
हरिद्वार आएं और हर की पैड़ी ना जाएं तो आपकी यात्रा अधूरी मानी जाती है। हरिद्वार स्टेशन से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हर की पैड़ी पर जाकर आप पावन निर्मल गंगा में स्नान कर सकते हैं। आप चाहें तो यहां पर होने वाली रात की आरती में भी सम्मिलित हो सकते हैं।
इसके बाद हरिद्वार स्टेशन से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भारत माता के मंदिर की भी सुंदरता की झलक देख सकते हैं। यह आठ मंजिला मंदिर भारत माता का मंदिर है, जो अपनी सुंदरता और भारत माता की महानता को प्रकट करता है।
माता मनसा देवी और माता चंडी देवी की करें दर्शन
हरिद्वार स्टेशन से लगभग 4 से 5 किलोमीटर की दूरी पर माता मनसा देवी पर्वत पर विराजमान हैं। माता के दर्शन के लिए आप चाहें तो उड़न-खटोले या घोड़े की सवारी कर जा सकते हैं। यदि आप पहाड़ों पर चहलकदमी और शानदार दृश्य को देखते हुए जाना चाहते हैं तो सड़क के रास्ते पैदल भी जा सकते हैं। वहीं हिमालय की दक्षिण पर्वत माला के नील पर्वत के ऊपर माता चंडी देवी के दर्शन के लिए भी आप जा सकते हैं। इस मंदिर की मूर्ति की स्थापना शंकराचार्य जी ने 8वीं सदी में की थी। जबकि मंदिर का निर्माण राजा सुचात सिंह ने साल 1929 में करवाया था। इसके बाद आप हरकी पैड़ी पर मां गंगा की आरती में सम्मिलित हो सकते हैं।
गंगा आरती में सम्मिलित होना ना भूलें
यदि आप हरिद्वार घूमने के लिए जाते हैं तो हर की पैड़ी पर माता की गंगा आरती में सम्मिलित होना ना भूलें। वास्तव में आरती के समय यहां का भक्तिमय माहौल आपको माता की भक्ति में लीन कर देगा और आप भक्ति में मंत्रमुग्ध हो उठेंगे। मां गंगा को नदियों में सबसे पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि यहां पर लोग दूर-दूर से गंगा स्नान करने आते हैं। गंगा स्नान को लेकर मान्यता है कि नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सारे कष्ट मिटते हैं और वह पापों से मुक्त हो जाता हैं। साथ ही गंगा स्नान के बाद आरती में सम्मिलित होने का भी अपना एक अलग महत्व है। गंगा आरती का दृश्य देखने मात्र से ही व्यक्ति माता की भक्ति में सरोबार हो जाता है। इस आरती में लोग देश-विदेश से आकर सम्मिलित होते हैं।
यहां पर करें भोजन
हरिद्वार यात्रा के दौरान आप हरिद्वार में बने अनेकों आश्रम में कहीं पर भी रुक सकते हैं। जहां पर सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। साथ ही आश्रम से पहाड़ों और नदियों के मनोरम दृश्य का भी आनंद उठा सकते हैं। इसके साथ ही यहां पर भोजन करने के लिए आप हरिद्वार के मशहूर रेस्टोरेंट पंडित जी पूरी वाले पर स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन का स्वाद ले सकते हैं। हरकी पैड़ी घाट के नजदीक कई होटल और लॉज हैं जहां आप रुक सकते हैं।
यहां पर जाना ना भूलें
माता सती के पिता राजा दक्ष प्रजापति के नाम पर बना ‘’दक्ष प्रजापति मंदिर’’ वास्तव में बहुत सुंदर और शांत जगह है। यदि आप हरिद्वार जाते हैं तो इस स्थान पर जान ना भूलें, यह हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यही वह स्थान है जहां पर माता सती के पिता दक्ष प्रजापति ने यज्ञ का आयोजन करवाया था और अपने दामाद यानी भगवान शिव को नहीं बुलाया था। इसी जगह पर माता सती ने यज्ञ कुंड में कूदकर अपने प्रांण त्याग दिए थे।
इस तरह आप 2 से तीन दिन के अंदर महादेव की नगरी हरिद्वार जाकर भगवान शिव की भक्ति में लीन हो सकते हैं। साथ ही कलकलाती नदियां और पहाड़ों के मनोरम दृश्य का भी आनंद ले सकते हैं।