राष्ट्रीय उद्यान से लेकर काचिदा घाटी तक, रणथंभौर में जरूर देखें ये जगह

राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभोर एक अहम पर्यटक स्थल है। दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, रणवीर सिंह और रणबीर कपूर की ट्रिप के बाद ये जगह एक बार फिर सुर्खियों में है।

Ranthambore
Ranthambore 
मुख्य बातें
  • रणबीर कपूर, आलिया भट्ट की ट्रिप के बाद राजस्थान का रणथंभौर शहर चर्चा में है।
  • रणथंभोर राजस्थान के सवाई माधोपुर का एक अहम पर्यटक स्थल है।
  • रणथंभौर का ये राष्ट्रीय उद्यान करीब 392 वर्ग किमी में फैला हुआ है।

मुंबई. कोरोना के कारण बॉलीवुड सेलेब्स ने इस बार नए साल का स्वागत अपने ही देश में किया। रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने ये छुट्टियां रणथंभौर में बिताई। यही नहीं, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह भी राजस्थान के रणथंभौर पहुंचे।

रणथंभोर राजस्थान के सवाई माधोपुर का एक अहम पर्यटक स्थल है। यहां पर स्थित राष्ट्रीय उद्यान देश के बेहतरीन बाघ क्षेत्रों में से एक है। बाघ और चीतों के अलावा सांभर, चीतल, जंगली सूअर, चिंकारा, हिरन, सियार, तेंदुए, जंगली बिल्ली और लोमड़ी भी पाई जाती है। 

रणथंभौर का ये राष्ट्रीय उद्यान करीब 392 वर्ग किमी में फैला हुआ है। इसके आस-पास अरावली और विंध्य की पहाड़ियां हैं। उद्यान के अंदर तीन झील है। इसी के आस-पास बाघ के दिखाई देने की संभावना ज्यादा है। इसके अलावा पक्षियों की लगभग 264 प्रजातियां यहां देखी जा सकती हैं। 

Alia, Ranbir, Deepika and Ranveer snapped in Ranthambore

रणथंभौर का किला
पहाड़ी की चोटी पर स्थित रणथंभौर किला सात किलो मीटर भौगोलिक क्षेत्र में फैला हुआ है। है। सन 944 ई. में बनाया ये किला विंध्य पठार और अरावली पहाडियों के बीच स्थित है। इसमें हिंदू, जैन मंदिर के अलावा एक मस्जिद भी है। 

इस किले से रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान का भी एक शानदार दृश्य मिलता है। इस ऐतिहासिक इमारत 1528 के दौरान मुगलों के पास थी। 17 वीं सदी में मुगलों ने जयपुर के महाराजा को यह किला उपहार में दिया।

Ranthambore Fort: A dilapidated structure - The Economic Times

काचिदा घाटी और सुरवाल झील
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के बाहर काचिदा घाटी है। जीप में सफारी करते वक्त टूरिस्ट इस घाटी की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। इस हिस्से में सुस्ती भालू और हिरण देखे जा सकते हैं।

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रणथंभौर से 25 किमी की दूरी पर सुरवाल झील है। नवंबर से मार्च तक के महीनों के दौरान यहां एक अलग ही आकर्षण होता है। सर्दियों के मौसम में बड़ी तादाद में यहां पर पेलिकन, कान्य क्रेनें, ग्रय्लग कलहंस और राजहंस जैसे प्रवासी पक्षी आते हैं।

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