नई दिल्ली: आजकल वज़न घटाने को लेकर कई प्रकार के डाइट प्लान मौजूद हैं। अभी पिछले एक दो वर्षों में मुख्य रूप से प्रचलन में कीटो डाइट है। इसमें व्यक्ति को वसा युक्त भोजन को अपने प्लान में शामिल करना होता है। अतः चीज़, मीट, अण्डे आदि आपके भोजन का हिस्सा होते हैं। कई प्रकार के फल व सब्ज़ियों का सेवन वर्जित होता है। लेकिन इस कीटो डाइट के भी भयभीत के देने वाले प्रमाण आ रहे हैं।
हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री मिष्टी मुखर्जी का आकस्मिक निधन हो गया किडनी फेलियर की वजह से। इसका मुख्य कारण उनका कीटो डाइट पर होना माना गया। इस कीटो डाइट के कुछ फायदे भी हैं तो कुछ नुक़सान भी। जिन बच्चों को एपिलेप्सी (मिर्गी) के कारण दौरे आते थे कीटो डाइट से उनको इससे काफी हद तक निजात पाते देखा गया है, कई प्रकार के कैंसर में भी इसका सकारात्मक प्रभाव देखा गया है, मुंहासों की समस्या का भी समाधान है इस तरह की डाइट। इसके बावजूद कीटो के नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिले हैं। हृदय रोग, किडनी संबंधित बीमारियां आदि कीटो डाइट की दें भी बनती जा रही है।
कीटो डाइट के शरीर पर दुष्प्रभाव
1. पोषण संबंधी समस्या-
इस तरह को डाइट में कई प्रकार के फल, सब्ज़ियों, अनाजों, दालों आदि को बाहर रखा जाता है। जिस कारण हमारे शरीर को पूर्ण पोषण नहीं मिल पाता। अतः हमारे शरीर में कई तरह के विटामिन्स व अन्य तत्वों की कमी होने लगती है जिनका कुप्रभाव हमें बीमारियों के जाल में फंसा देती है।
2. किडनी व हृदय रोग-
अत्यधिक वसा युक्त भोजन करने से हमारी रक्त धमनियों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे ब्लॉकेज होने लगती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे ही कितनी पर भी कुप्रभाव पड़ता है। उच्च मात्रा में वसा वाला भोजन नियमित रूप से करने पर किडनी की खून फिल्टर करनी की प्रक्रिया पर ज़्यादा ज़ोर पड़ता है जो पथरी ज़ सी समस्या को जन्म देता है। इसका दूसरा दुष्परिणाम यह है को किडनी के काम करनी की क्षमता दिन प्रति दिन कम होने लगती है जिस कारण है मेरे शरीर में विषैले तत्वों की मात्रा बढ़ती चली जाती है।
3. लिवर पर असर
यदि आपको पहले ही है वेर संबंधी रोग है तो कीटो डाइट आपके लिवर के लिए बेहद हानिकारक है। इसलिए बेहतरी होगी लिवर रोगी इस डाइट का पालन न ही करें।
4. खून में शुगर की मात्रा में कमी
हमारे शरीर के रक्त में तय मात्रा से कम शर्करा का स्तर भी खतरनाक होता है। इससे आपको डायबिटीज़ टाइप 1 के साथ साथ कम रक्तचाप जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
5. कीटो फ्लू -
कीटो डाइट से शरीर में वसा, थकान, मतली, चक्कर आना और सिरदर्द का खतरा बना रहता है। क्योंकि शरीर ऊर्जा के लिए कीटोन और वसा का इस्तेमाल करने लगता है।
6. बीमारियों का खतरा-
कुछ बातें इस ओर भी इशारा करती हैं कि ज्यादा वसा और कम कार्ब वाला आहार जो पशु खाद्य पदार्थों पर जोर देता है सेहत के लिए हानिकारक होता है। इस से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इन सभी बातों का सार यह है कि कीटो डाइट तत्काल प्रभाव से तो फायदेमंद हो सकता है। यह वजन घटाने में मदद कर सकता है। लेकिन लंबे समय के लिए इस से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आपको कीटो डाइट लेने से पहले अच्छे डॉक्टर या रजिस्टर्ड डायटीशियन से सलाह जरूर लेनी चाहिए।