बर्मिंघम: शरीर के साथ दातों की सफाई कितनी जरूरी है। यह बात किसी से छिपी नहीं है। लेकिन इस बात को लेकर कई बार ये बातें सामने आती है कि ब्रश कितनी दूर करनी चाहिए। दो मिनट या फिर उससे ज्यादा। लेकिन इन्हीं बातों को लेकर कुछ नए सर्वे सामने आए है जिसमें ये बताया गया है कि दातों की सफाई आखिर क्यों जरुरी है और उसे नजरअंदाज से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
हम में से कई लोग इस सलाह से अवगत हैं कि हमें दिन में दो बार और हर बार कम से कम दो मिनट तक अपने दांत साफ करने चाहिए। कई लोगों का कहना है कि केवल एक मिनट तक मंजन करना यानी दांतों को ब्रश करना पर्याप्त है, जबकि कुछ साक्ष्यों का कहना है कि दो मिनट तक मंजन करना भी पर्याप्त नहीं है।अनुसंधान के अनुसार, दांतों पर जमी प्लाक या गंदगी की सख्त परत हटाना बेहतर है और इसके लिए तीन से चार मिनट तक मंजन करना चाहिए। क्या इसका अर्थ यह है कि हमें दांत साफ करने का अपना समय दुगुना कर देना चाहिए?
दो मिनट दांतों की सफाई ठीक से बेहद जरूरी
दंतचिकित्सकों ने 1970 के दशक में दो मिनट तक मंजन करने की सलाह देनी शुरू कर दी थी और बाद में उन्होंने नरम ब्रश का इस्तेमाल करने की सलाह देनी आरंभ की। हालांकि आज ब्रश करने के समय, तकनीक और टूथब्रश के प्रकार को लेकर को जो सर्वसम्मति बनी है, वह 1990 के दशक से प्रकाशित अध्ययनों के आधार पर ही बनी है। इन अध्ययनों में बताया गया है कि दो मिनट ब्रश करने से दांतों से बेहतर (उत्कृष्ट तरीके से नहीं) तरीके से गंदगी हट जाती है। दो मिनट से अधिक समय तक ब्रश करने से अधिक प्लाक हटते हैं, लेकिन अभी इस बात का पता लगाने को लेकर पर्याप्त अनुसंधान नहीं किया गया है कि क्या दो मिनट से अधिक समय तक मंजन करने से दीर्घकाल में दांत अपेक्षाकृत अधिक मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है।
सही तरीके से ब्रश नहीं करने से होते हैं नुकसान
जब हम अपने दांतों को ब्रश करते हैं, तो हम दांतों की सतहों से कीटाणुओं (जिन्हें दांतों के प्लाक के रूप में जाना जाता है) को हटाने के मुख्य उद्देश्य से ऐसा करते हैं। यह प्लाक बैक्टीरिया, कवक और वायरस का एक संचय है जो एक माइक्रोबियल बायोफिल्म के रूप में जाने जाने वाले समुदाय में एक साथ रहते हैं। बायोफिल्म बहुत चिपचिपे होते हैं और इन्हें केवल ब्रश करके ही हटाया जा सकता है।
अपने दांतों को ठीक से या लंबे समय तक ब्रश न करने से इस प्लाक का स्तर बढ़ सकता है, जिससे अंततः हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया सक्रिय हो सकती है और मसूड़ों में सूजन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। यह सूजन आमतौर पर दर्दनाक नहीं होती है, लेकिन ब्रश करते समय मसूड़ों से अक्सर खून बहता है और कभी-कभी सांसों से बदबू आती है।
उचित तकनीक
मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर सलाह दी जाती है कि हर बार चार मिनट तक ब्रश करके दांतों को बेहतर तरीके से साफ किया जा सकता है, लेकिन दांतों को दिन में दो से अधिक बार साफ करने से बचें और सख्त बाल वाले ब्रश का इस्तेमाल नहीं करें। इससे आपके दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।आप दांतों को ब्रश करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। संशोधित ‘बास’ तकनीक का इस्तेमाल करने की सर्वाधिक सलाह दी जाती है। इसका उद्देश्य मसूड़ों के निचले हिस्से तक सफाई करना है। यह दांत का वह हिस्सा है, जहां प्लाक सबसे पहले बनते हैं और इसी के कारण सूजन होने की सबसे अधिक संभावना होती है।
दातों को जोर से साफ नहीं करना चाहिए
आपको अपने दांत बहुत जोर से साफ नहीं करने चाहिए। कोमलता से दांत ब्रश करने को प्राथमिकता दी जाती है ताकि हम अपने मुंह के सख्त और कोमल ऊतकों को नुकसान न पहुंचा दें।ब्रश करने के अलावा ‘फ्लॉस’ (दांत साफ करने के धागे) के जरिए भी दांत साफ करने की सलाह दी जाती है। टूथ पिक, वॉटर जेट, या जीभ साफ करने वाले क्लीनर जैसे अन्य उपकरणों के प्रभाव के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
हम भले भी इस सलाह को मानते हों कि हमें दिन में दो बार और हर बार दो मिनट तक ब्रश करना चाहिए, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम दांत साफ करने की उचित तकनीक पर ध्यान केंद्रित करें। दो मिनट से अधिक समय तक ब्रश करके हमारे दांतों से अधिक पट्टिकाएं हटाने में मदद मिल सकती है, जिससे हमारे दांत और मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है। (भाषा इनपुट के साथ) (तस्वीर के लिए साभार - iStock images)