नई दिल्ली: यूं तो कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले रखा है और हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी वजह से परेशान नजर आता है। लेकिन हमें इस मुश्किल समय में भी उन सभी चीजों के लिए भगवान को धन्यवाद कहना चाहिए जो हमने हासिल किया है। आज ‘विश्व आभार दिवस’ है। यह दिन हमें उन तमाम लोगों का आभार व्यक्त करने का मौका देता है जिन्होंने हमारे जीवन को सजाने संवारने में अपना योगदान दिया है। विश्व आभार दिवस नीजी और संस्थागत दोनों तौर पर मनाया जा सकता है। हर कोई चाहता है कि उसके काम की तारीफ हो। ऐसे में विश्व आभार दिवस से अच्छा दिन नहीं हो सकता।
क्यों मनाते हैं विश्व आभार दिवस ?
बात कोई साल 1965 की है। अमेरिका के हवाई राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक समूह जमा हुआ। वहाँ इस बात का प्रस्ताव रखा गया कि हर साल एक ऐसा दिन रखा जाए जब लोग एक दूसरे के अच्छे कार्यों पर आभार व्यक्त कर सकें, अपनो को धन्यवाद कह सकें। इसके लिए 21 सितंबर का दिन चुना गया। जब यह लोग अपने-अपने देश वापस गए तो साल 1966 से 21 सितंबर को विश्व आभार दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। उसके बाद इसके मनाने वालों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती गई और आज विश्व में करोड़ों लोग 21 सितंबर को इसे मनाते हैं। इसे मनाने का सबसे प्रमुख कारण है पूरे वैश्विक समुदाय को एक साथ लाना। इस दुनिया में हर व्यक्ति चाहता है कि कोई उसके काम की तारीफ करे।
कैसे करें लोगों का आभार व्यक्त ?
यूं तो किसी की तारीफ करने और आभार व्यक्त करने के सैकड़ो तरीके हैं। हम अपने रिश्तेदारों, माता-पिता, दोस्त और भी कई लोगों का आभार व्यक्त कर सकते हैं जो हमारे जीवन में हर पल हमारे साथ चले।
विश्व आभार दिवस मनाने के क्या हैं फायदे ?
आभार और धन्यवाद पर विश्व के सबसे बड़े शोधकर्ता रोबर्ट इमंस का मानना है कि हर मनुष्य चाहता है कि उसके काम और मेहनत के बदले लोग उसकी तारीफ करें और उसको धन्यवाद कहें। रोबर्ट बताते हैं कि जब आप किसी का आभार व्यक्त करते हैं तो वो मनुष्य मानसिक तनाव से मुक्त होता है। उसे नींद अच्छी आती है साथ ही शारिरिक परेशानियों से वो दूर रहता है। इन वजहों से वो डॉक्टर के पास भी बहुत कम जाता है। आभार प्रकट करने से मनुष्य के अंदर आत्मबल आता है। आप भी आज के दिन अपने तमाम चाहने वालों का ज़रूर आभार व्यक्त करें साथ ही उन्हें शुभकामनाएं भी दें।