Overspeeding in Lucknow: लखनऊ में तेज गाड़ी चलाई तो होगी कार्रवाई, 200 स्पीड रडार गन रखेंगी रफ्तार पर नजर

Overspeeding in Lucknow: लखनऊ में रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग नई तकनीक अपनाएगा। परिवहन विभाग अब 75 स्पीड रडार गन खरीदने जा रहा है, इससे तेज गाड़ी चलाने वाले अब रडार पर होंगे।

Action on Overspeeding in Lucknow
लखनऊ में अब ओवर स्पीड पर होगा एक्शन (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग का नया प्लान
  • ट्रैफिक विभाग के साथ 200 स्पीड रडार गन खरीदेगा परिवहन विभाग
  • तेज रफ्तार वाहनों के फोटो खींचकर किया जाएगा चालान

Overspeeding in Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब स्पीड रडार गन से तेज रफ्तार गाड़ी चलाने वालों की पहरेदारी की जाएगी। अभी तक परिवहन विभाग इंटरसेप्टर वाहन के जरिए ओवरस्पीडिंग पर नजर रखता था। विभाग नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 75 स्पीड रडार गन खरीदने जा रहा है। इसके लिए शासन से अनुमति मिल गई है। एक गन की कीमत पांच लाख रुपये है। परिवहन विभाग संग ट्रैफिक विभाग भी 200 स्पीड रडार गन खरीदने जा रहा है। 

लखनऊ समेत प्रदेश भर में तेज गाड़ी चलाने वाले अब रडार पर होंगे। सड़क पर तय रफ्तार से तेज चलाने वाले वाहनों की फोटो खींचकर चालान किया जाएगा। बीती 16 जनवरी को आगरा-एक्सप्रेस वे पर रडार का ट्रायल सफल हो गया है। अब स्पीड रडार गन खरीदने की तैयारी है।

क्या है स्पीड रडार गन

आपको बता दें कि, रडार स्पीड गन एक डॉपलर रडार इकाई है जो हाथ से भी पकड़ी जा सकती है। इस उपकरण का उपयोग चलती वस्तुओं की गति को मापने के लिए किया जाता है। यह चलते वाहनों की गति मापने के लिए कानून-प्रवर्तन में इस्तेमाल किया जाता है। अपर परिवहन आयुक्त वीके सोनकिया ने बताया कि, सेंसर युक्त स्पीड रडार गन खरीदने की तैयारी है। इसके लिए यातायात विभाग के साथ मिलकर 75 गन खरीदे जाएंगे। इससे तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम लगने के साथ सड़क हादसों में कमी आएगी।

इतने सेकेंड में देखी जाएगी वाहनों की रफ्तार 

स्पीड गन के माध्यम से वाहनों की रफ्तार देखी जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों से ई-चालान के जरिए जुर्माना वसूला जाएगा। इस यंत्रणा के जरिए से 10 सेकेंड में एक वाहन की रफ्तार मापी जाती है। ऐसे में अन्य वाहन तेज रफ्तार से आगे निकल जाते हैं। लेकिन रडार यंत्रणा के माध्यम से आने और जाने वाले दोनों मार्ग के दो किमी अंतर के सभी वाहनों की रफ्तार एक ही समय संकलित की जाती है, जिसमें जिन वाहनों की रफ्तार तेज होती है, उन वाहन चालकों का ई-चालान किया जाता है।

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