लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल अभी से जुट गए हैं। राज्य में दूसरी बार विस चुनाव लड़ने जा रही ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) मंगलवार को अयोध्या की रुदौली में अपनी चुनावी रैली करने जा रही है। हालांकि, अयोध्या के साधु संतों ने एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी की इस रैली का विरोध किया है। एआईएमआईएम राज्य में बने 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' मोर्चा का हिस्सा है। समझा जाता है कि आज की रैली में ओवैसी अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे।
सुल्तानपुर-बाराबंकी में भी रैली
रुदौली से ओवैसी के चुनाव प्रचार का आगाज हो जाएगा। आगामी आठ सितंबर और फिर नौ सितंबर को वह सुल्तानपुर एवं बाराबंकी में जनसभा को संबोधित करेंगे। अयोध्या रैली के लिए ओवैसी की ओर से पोस्टर चिपकाया गया है उसमें अयोध्या जिले की जगह उसका पुराना नाम फैजाबाद नाम दिया गया है। स्थानीय लोगों में इसे लेकर नाराजगी देखी गई है। लोगों का कहना है कि पोस्टर से यदि फैजाबाद नाम नहीं हटाया गया तो वे रैली करने की इजाजत नहीं देंगे।
पोस्टर में फैजाबाद नाम पर विवाद
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छह नवंबर 2018 को फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया। इससे पहले योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर चुकी थी। ओवैसी ने कहा है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में वह राज्य की 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार खडा करेंगे। भागीदारी संकल्प मोर्चा में राज्य के छोटे-छोटे दल शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हिस्सा रह चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर भी इस मोर्चे से जुड़े हैं। मोर्चे में जन अधिकार पार्टी, राष्ट्रीय उदय पार्टी और जनता क्रांति पार्टी जैसे दल भी हैं।
100 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे ओवैसी
इस गठबंधन में शामिल होने के लिए आम आदमी पार्टी और भीम आर्मी को भी न्योता भेजा गया है। राज्य में विधानसभा की 403 सीटें हैं और इनमें से 100 से ज्यादा सीटें मुस्लिम बहुल हैं। इन सीटों पर मुस्लिम मतदाता चुनाव नतीजों को प्रभावित करते हैं। इसे देखते हुए ही ओवैसी ने 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं।
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