Mohammad Ali Jauhar University: आजम खान को एक और झटका, राजस्व रिकॉर्ड से हटाया गया जौहर यूनिवर्सिटी का नाम

समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान को एक और झटका लगा है। एडीएम कोर्ट के फैसले के बाद जौहर विश्वविद्यालय के नाम को राजस्व रिकॉर्ड से हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है।

Mohammad Ali Jauhar University: आजम खान को एक और झटका, राजस्व रिकॉर्ड से हटाया गया जौहर यूनिवर्सिटी का नाम
मोहम्मद जौहर विश्वविद्यालय के आजीवन चांसलर हैं आजम खान 
मुख्य बातें
  • जौहर अली विश्वविद्यालय के कब्जे से आजाद कराई गई 70 एकड़ जमीन
  • रामपुर एडीएम कोर्ट के फैसले के बाद राजस्व रिकॉर्ड से जौहर विश्वविद्यालय का नाम हटाया जा रहा है।

रामपुर। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और मोहम्मद जौहर विश्वविद्यालय  के आजीवन चांसलर आजम खान को एक और झटका लगा है। जौहर विश्वविद्यालय के नाम को राजस्व रिकॉर्ड से बाहर कर दिया गया है और इसके साथ ही 12.5 एकड़ विश्वविद्यालय की जमीन 'सरकार' ने अपने कब्जे में ले ली है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय की 70 एकड़ जमीन सरकार के कब्जे में हो गई है। रामपुर एडीएम कोर्ट ने फैसला दिया कि जौहर अली ट्रस्ट ने जिन जमीनों पर जौहर यूनिवर्सिटी को जमीन दी थी, उन शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण सरकार को लौटाने की जरूरत थी।

अदालती फैसले के बाद प्रशासनिक कार्रवाई
16 जनवरी को अदालत ने फैसला सुनाया कि विश्वविद्यालय की जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में सरकार की भूमि के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। बता दें कि आज़म खान मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय के संस्थापक और आजीवन चांसलर हैं। आजम खान के खिलाफ स्थानीय लोग आरोप लगाते रहे हैं कि किस तरह से अपने रसूख का इस्तेमाक कर आजम खान ने जमीनों पर कब्जा कर लिया। यही नहीं आजम खान पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने रामगंगा नदी की धारा से भी छेड़छाड़ की। विश्वविद्यालय के लिए नदी की जमीन पर भी कब्जा कर लिया। 

'प्रतिशोध की राजनीति का शिकार बना'
बता दें कि आजम खान इस समय 75 से अधिक केस का सामना कर रहे हैं और इस समय सीतापुर जेल में बंद हैं। अपने ऊपर लगे आरोपों के बारे में कहते हैं कि उन्हें सियासी बोल बोलने की सजा भुगतनी पड़ रही है। उनके जीवन का एक ही सपना था कि समाज के उन तबकों तक शिक्षा का पहुंचा सकें जो साधन संपन्न नहीं थे। लेकिन सियासी हमलों के साथ साथ उनको अपमानित किया जा रहा है। जिन जमीनों को विवादित बताया जा रहा है, जमीन के उन टुकड़ों को नियमों के तहत खरीदा गया था। 

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