Biometric Attendance In KGMU: लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में बगैर जानकारी दिए गायब रहने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों पर अब तकनीक की पैनी निगाह होगी। केजीएमयू में बायोमेट्रिक सिस्टम लागू होने जा रहा है। इसके लिए हर विभाग में चेहरा पहचान वाली मशीनें लगाई जाएंगी। इसमें अंगूठे के निशान के साथ चेहरा भी मशीन के आगे दिखाना होगा। तभी उपस्थिति दर्ज हो सकेगी। सभी डॉक्टर और कर्मचारियों को अगले सप्ताह तक इस व्यवस्था के लिए फोटो खिंचवाने के लिए कहा गया है।
केजीएमयू में इस समय करीब 450 डॉक्टर और नियमित तथा संविदा कर्मचारियों की संख्या कुल मिलाकर दस हजार के करीब है। इनमें से काफी डॉक्टरों की लेटलतीफी की शिकायत आती हैं।
कई बार बगैर सूचना गायब रहने की बात भी सामने आती है। इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन काफी पहले से बायोमेट्रिक व्यवस्था शुरू करने की कवायद कर रहा था। डॉक्टर और कर्मचारियों की लेटलतीफी की शिकायतें जब राजभवन तक पहुंचीं तो राजभवन ने भी विश्वविद्यालयों में बायोमेट्रिक व्यवस्था शुरू करने का निर्देश दे दिया। इसके बाद अब केजीएमयू प्रशासन ने फेस रिकग्निशन मशीन लगाने की शुरुआत की है। इसलिए अब विभागवार मशीनें लगाई जा रही हैं। कुछ विभागों में इस्तेमाल के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम चालू कर दिया गया है।
केजीएमयू के दंत संकाय के शिक्षकों ने इसे गैर जरूरी बताया है। उनका कहना है कि, कई बार ओपीडी और ऑपरेशन में देर शाम तक रुकना पड़ता है। ऐसी बंदिशों से सबकी ड्यूटी का समय भी बदलता है। इसलिए भी यह व्यवस्था शुरू नहीं हुई है। वहीं, केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के अनुसार, विभागों में मशीनें लगाने का काम लगभग पूरा हो गया है। दंत संकाय के कुछ विभागों में इस्तेमाल के लिए पर इसे शुरू भी कर दिया गया है। हालांकि कुछ डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि, कई बार ओपीडी, ऑपरेशन आदि में देर शाम तक रूकना पड़ता है। ऐसी बंदिशों से काम का माहौल खत्म हो जाएगा।
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