मरीजों को बड़ी राहत, कैंसर संस्थान अब खुद करेगा माइक्रोबायोलॉजी की जांच, कई फेस में लागू होगी नई व्यवस्था

Super Speciality Cancer Institute: लखनऊ में सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान अब खुद माइक्रोबायोलॉजी की जांच करेगा। आउटसोर्सिंग के साथ करार खत्म करने के लिए पत्र लिखा गया है। जांच शुल्क कम करने के लिए भी कई चरण में नई व्यवस्था लागू होगी।

Super Speciality Cancer Institute
कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • लखनऊ का कैंसर संस्थान अब खुद करेगा माइक्रोबायोलॉजी की जांच
  • आउटसोर्सिंग के साथ करार खत्म करने के लिए लिखा पत्र
  • जांच शुल्क कम करने के लिए भी कई चरण में लागू की जाएगी नई व्यवस्था

Super Speciality Cancer Institute: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान ने मरीजों के लिए राहतभरी खबर दी है। मरीजों को सस्ती दर पर जांच उपलब्ध कराने के लिए कोशिश शुरू कर दी गई है। अब माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित जांच विभाग में होंगी। अभी तक इसकी जांच आउटसोर्सिंग के जरिए की जा रही थीं। संस्थान प्रशासन ने निजी संस्था को इसकी सूचना दे दी है, साथ ही करार खत्म करने के लिए पत्र लिखा है। बताया जा रहा है कि, इसके लिए प्रक्रिया कई चरण में पूरी होगी। माइक्रोबायोलॉजी विभाग के जरिए जांच होने से जांच शुल्क भी कम हो जाएगा। गौरतलब है कि कैंसर संस्थान में इस समय 40 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है।

संस्थान में अगले महीने से बेड की संख्या 200 करने की योजना तैयार की गई है। कुल 750 बेड पर भर्ती और 24 ओटी का संचालन प्रस्तावित किया गया है। इन बेड की व्यवस्था दो भवनों में होगी। अभी तक मरीजों की जांच एक संस्था की तरफ से पीपीपी मॉडल पर की जा रही थी। 

ओटी की संख्या में होगी बढ़ोतरी

कैंसर संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ. मनीषा गुप्ता ने अब विभाग की लैब में ही सभी जांचों को करने के लिए संस्थान प्रशासन को पत्राचार किया है। ऐसे में संस्थान प्रशासन ने जांच करने वाली निजी संस्था को उसकी सेवाएं समाप्त करने के लिए नोटिस जारी कर अपना पक्ष देने को कहा है। कैंसर के मरीजों का इलाज मुख्य रूप से रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी से किया जाता है। इनमें से काफी मरीजों को ऑपरेशन की आवश्यकता भी पड़ती है। संस्थान में इस समय आठ ओटी संचालित हो रही हैं। लेकिन मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण यह संख्या कम पड़ जाती है, ऐसे में बची हुई 16 ओटी शुरू करने की दिशा में कोशिश की जा रही है। 

कई फेस में लागू होगी व्यवस्था

कैंसर संस्थान के सीएमएस डॉ. अनुपम वर्मा ने बताया कि, कैंसर संस्थान में मरीजों को कम शुल्क पर जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभाग में माइक्रोबायोलॉजी के टेस्ट किए जाएंगे। यह व्यवस्था 24 घंटे चले, इसके लिए कई चरण में नई व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके बाद जांच के शुल्क तय कर दिए जाएंगे। हालांकि पीजीआई की दरों पर ही मरीजों को जांच सुविधा देना संस्थान की मंशा है।

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