5 जिलों में पांच सड़कों का नाम होगा ‘कल्याण सिंह मार्ग’, यूपी के डिप्टी CM का बड़ा ऐलान

Kalyan Singh Demise : कल्याण सिंह प्रखर हिंदूवादी और भाजपा एवं संघ के विचारों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध नेता थे। लोगों, कार्यकर्ताओं एवं पार्टी में उनकी लोकप्रियता काफी रही। वह कुशल वक्ता एवं प्रशासक थे।

Five Kalyan singh marg in five districts, BJP to honour former CM of UP
यूपी के 5 जिलों में होगा कल्याण सिंह मार्ग।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • कल्याण सिंह को सम्मानित करने के लिए यूपी सरकार ने लिया बड़ा फैसला
  • यूपी के पांच जिलों में पांच सड़कों का नाम होगा 'कल्याण सिंह मार्ग'
  • डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- जल्द प्रस्ताव पेश करेंगे अधिकारी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के सम्मान में राज्य सरकार ने बड़ा फैसला किया है। प्रदेश की योगी सरकार ने पांच जिलों में पांच सड़कों का नाम ‘कल्याण सिंह मार्ग’रखने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को कहा कि अयोध्या, अलीगढ़, एटा, बुलंदशहर और प्रयागराज में एक-एक मार्ग का नाम कल्याण सिंह के नाम पर होगा। डिप्टी सीएम ने कहा कि इस बारे में अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। अयोध्या में राम जन्म भूमि परिसर जाने वाली सड़क का नाम कल्याण सिंह मार्ग होगा। 

शनिवार को हुआ कल्याण सिंह का निधन
भाजपा के कद्दावर नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की लंबी बीमारी के बाद 89 साल की उम्र में गत शनिवार को निधन हो गया। साल 1991 में कल्याण सिंह के नेतृत्व में भाजपा ने यूपी में अपनी पहली सरकार बनाई। उत्तर प्रदेश में भाजपा को खड़ा करने का श्रेय कल्याण सिंह को ही जाता है। इसके अलावा मंदिर अभियान को तेज करने में इनकी बड़ी भूमिका रही। साल 1990 में कल्याण सिंह ने प्रदेश भर का दौरा कर लोगों को राम मंदिर के लिए प्रेरित किया। बाबरी मस्जिद का विध्वंस भी कल्याण सिंह के सीएम रहते हुआ। कहा जाता है कि सुरक्षाबलों ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने की इजाजत मांगी लेकिन उन्होंने इसकी इजाजत नहीं दी। 

यूपी के सीएम के अलावा राजस्थान के राज्यपाल भी रहे
कल्याण सिंह प्रखर हिंदूवादी और भाजपा एवं संघ के विचारों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध नेता थे। लोगों, कार्यकर्ताओं एवं पार्टी में उनकी लोकप्रियता काफी रही। वह कुशल वक्ता एवं प्रशासक थे। वह अपनी स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते थे। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने अपनी सोच एवं विचारधारा के साथ कभी समझौता नहीं किया। अपनी स्पष्टवादिता के चलते उन्हें दो बार भाजपा छोड़नी पड़ी। कल्याण सिंह ने अपनी अलग पार्टी बनाई और चुनाव भी लड़े लेकिन साल 2014 में उनकी फिर से भाजपा में वापसी हो गई। भाजपा में वापस आने के बाद उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया।   

लंबी बीमारी के बाद लखनऊ में हुआ निधन 
कल्याण सिंह पिछले कुछ दिनों से लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में भर्ती थे। इस दौरान भाजपा और संघ के बड़े नेताओं ने अस्पताल का दौरा कर उनका हाल चाल जाना। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी सेहत पर करीबी नजर बनाए हुए थे। उनके निधन से भगवा पार्टी ने अपना एक बड़ा नेता खो दिया है। बुलंदशहर के नरौरा में सोमवार शाम कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

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