Free Treatment: मरीजों के लिए बुरी खबर, लखनऊ के लोहिया हॉस्पिटल के ब्लॉक में जल्द बंद होगा मुफ्त इलाज

Free Treatment: यूपी की राजधानी लखनऊ में गरीब रोगियों के लिए बुरी खबर है। लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में मुफ्त इलाज की सुविधा जल्द बंद होने वाली है।

Free Treatment in Dr Ram Manohar Lohia Hospital
ओपीडी पर लगी लाइन  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • लोहिया हॉस्पिटल में बंद होंगी फ्री मिलने वाली सुविधाएं
  • अब मरीजों को ओपीडी के लिए चुकाने होंगी फीस
  • गंभीर मरीजों को आसानी से नहीं मिल पा रहे वेंटिलेटर

Free Treatment: राजधानी लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में इलाज करने वाले रोगियों को बड़ा झटका लगा है। यहां मिलने वाली मुफ्त दवा, इलाज और भर्ती की सुविधा जल्द बंद होने वाली है। संस्थान के समान यहां भी मरीजों को सभी शुल्क देने पड़ेंगे। शासनादेश न आने से मरीजों को शनिवार को मुफ्त इलाज दिया गया। अफसरों का कहना है कि, जब तक शासनादेश की प्रति नहीं मिलेगी, शुल्क नहीं लिया जाएगा। लेकिन जल्द ही आदेश मिलने पर मुफ्त मिल रही सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी। 

अभी तक लोहिया हॉस्पिटल के ब्लॉक में मरीजों को एक रुपये के पर्चे पर इलाज मिल रहा है, जबकि संस्थान में ऐसा नहीं है। हॉस्पिटल ब्लॉक भी संस्थान के अधीन ही है, पर अभी तक यहां मरीजों से जांच और भर्ती शुल्क नहीं लिया जाता है। 

अब मरीजों को चुकाने होंगे रुपए
अफसरों का कहना है कि, 400 बेड के हॉस्पिटल ब्लॉक में रोजाना डेढ़ हजार से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं। संस्थान ने शासन को पत्र भेजकर हॉस्पिटल ब्लॉक में भी संस्थान के समान शुल्क लगाने की बात कही गई थी। शासन ने इसे मंजूरी देते हुए शासनादेश जारी कर दिया है। आदेश में इमरजेंसी निशुल्क रखने की बात कही गई है। अब मरीजों को 100 रुपये ओपीडी में इलाज के लिए चुकाने होंगे।

गंभीर मरीजों को आसानी से नहीं मिल रहा वेंटिलेटर 
दूसरी ओर, लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में आने वाले गंभीर मरीजों को आसानी से वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहे। उन्हें वेटिंग में डाल दिया जाता है। इस दौरान जीवन रक्षक उपकरण न मिलने से गंभीर मरीजों को सांसें उखड़ रही हैं। वहीं अफसरों का कहना है कि, मैनपावर न होने से पीएम केयर फंड से इमरजेंसी में इंस्टॉल कराए गए 20 वेंटिलेटर का संचालन नहीं हो पा रहा है। 

इमरजेंसी में लगे दस वेंटिलेटर हमेशा भरे रहते हैं
संस्थान सीएमएस डॉ. राजन भटनागर के मुताबिक, पीएम केयर फंड वाले वंटिलेटर इमरजेंसी में लगाए गए हैं, मगर मैनपॉवर का संकट होने से उनका संचालन नहीं हो पा रहा है। लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में अभी महज दस वेंटिलेटर लगाए गए हैं, जो हमेशा भरे रहते हैं। ऐसे में यहां आने वाले अति गंभीर मरीजों को इंतजार करना पड़ता है या तीमारदार मरीज का लॉमा करवाकर निजी अस्पताल ले जाते हैं। संस्थान प्रशासन का दावा है कि, इमरजेंसी में अभी तक छह बेड वेंटिलेटर की यूनिट थी, जिसे बढ़ाकर दस किया गया है। जल्द ही इसका विस्तार किया जाएगा।
 

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