King George Medical University: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित पीजीआई के सीसीएम की तरह अब केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में प्रतीक्षा सूची के हिसाब से मरीजों को वेंटिलेटर वाले बेड मुहैया कराए जाएंगे। इसके लिए केजीएमयू प्रशासन रजिस्टर में मरीजों के मोबाइल नम्बर और बीमारी का ब्यौरा दर्ज करेगा। ट्रॉमा ने यह व्यवस्था शुरू कर दी है। यहां पर वेंटिलेटर वाले बेड को लेकर बड़ी मारामारी रहती है। मरीजों को घंटों व कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है।
आपको बता दें कि राजधानी की आबादी 50 लाख के करीब होने के बावजूद सरकारी चिकित्सा संस्थानों में वेंटिलेटर की संख्या 500 भी नहीं है। इससे मरीज को मुश्किल से वेंटिलेटर मिल पाता। ऐसे में ज्यादातर मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है।
डॉक्टरों के अनुसार केजीएमयू में अब वेंटिलेटर के लिए वेटिंग सिस्टम लागू होगा। इससे इमरजेंसी के उन मरीजों को फायदा मिलेगा जो वेंटिलेटर न होने से मजबूरी में निजी अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं। इसमें रजिस्टर मरीजों का नाम दर्ज कर उनकी वे लिस्ट तैयार की जाएगी और वेंटिलेटर खाली होते ही इन्हें फोनकर बुला लिया जाएगा।
ट्रॉमा सीएमएस संदीप तिवारी ने बताया कि केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में कुल 44 वेंटिलेटर ही हैं। इसलिए अक्सर फुल रहते हैं। यहां कोई वेंटिलेटर खाली नहीं होता है। ऐसे में काफी मरीजों के तीमारदार यहां रोज वेंटिलेटर की स्थिति जानने आते हैं। इनको भटकना न पड़े, इसलिए वेटिंग की व्यवस्था शुरू की गई है।
ट्रॉमा सेंटर के अधीक्षक डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि वेंटिलेटर बेड खाली होने पर प्रतीक्षा सूची के हिसाब से मरीज के दिए नम्बर पर कॉल किया जाता है। तीमारदारों के मना करने पर दूसरे मरीज से संपर्क किया जाता है। अब खाली बेड की संख्या के लिए एलईडी में मरीज खुद देख सकते हैं कि किस विभाग में कितने बेड खाली है।
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