Lucknow Development Authority: एलडीए अपने कामों की करेगा डिजिटल निगरानी, मॉनिटरिंग के लिए बनेगा विशेष सॉफ्टवेयर

Lucknow Development Authority: लखनऊ विकास प्राधिकरण अब अपने कामों की डिजिटल मॉनिटरिंग करेगा। मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष साफ्टवेयर बनवाया जाएगा।

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लखनऊ विकास प्राधिकरण अब करेगा कामों की डिजिटल मॉनिटरिंग  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • लखनऊ विकास प्राधिकरण अब अपने कामों की करेगा डिजिटल मॉनिटरिंग
  • मॉनिटरिंग के लिए बनेगा विशेष साफ्टवेयर
  • पूरा विवरण डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा

Lucknow Development Authority: एलडीए इंजीनियरिंग विभाग के कामों की अब डिजिटल मॉनिटरिंग करेगा। इससे न सिर्फ कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। प्राधिकरण उपाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने आईटी अनुभाग की बैठक में डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार करने का निर्देश दिया। उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि, अभियंत्रण के कार्यों की भौतिक व वित्तीय प्रगति की मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष साफ्टवेयर बनवाया जाएगा। 

इसके तहत किसी भी प्रोजेक्ट की डीपीआर बनने, प्रशासन से स्वीकृति लिए जाने व निविदा आमंत्रित किए जाने से लेकर प्रोजेक्ट के सम्पूर्ण होने तक का पूरा विवरण डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा। 

ई-ऑफिस के काम में तेजी के आदेश

इतना ही नहीं सम्बन्धित अभियन्ता समय-समय पर किए जाने वाले प्रोजेक्ट की निरीक्षण रिपोर्ट भी इस डिजिटल साफ्टवेयर पर अपलोड करेंगे। जिसमें कार्यों की फोटो, विडियो व टिप्पणी शामिल होंगी। उपाध्यक्ष डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि, ई-आफिस के कार्य में किसी भी तरह की शिथिलता न बरती जाए। व्यवस्था को जल्द लागू करने के लिए सम्बंधित नोडल एजेंसी के प्रतिनिधि के साथ बैठक की जाए।

एलडीए आवंटियों को देगा रिफंड

एलडीए जिन आवंटियों को प्लॉट आवंटन के बाद प्लॉट मुहैया नहीं करा सका, उन्हें रिफंड देगा। आवंटियों को यह रिफंड शिविर आयोजित करके दिया जाएगा। एलडीए ने यह भी फैसला किया है कि, प्लॉट को लेकर जो मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं, उनमें आदेश आने के बाद उसका पालन किया जाएगा। 

जनहित सेवाओं की रोजाना दें रिपोर्ट

उधर, एलडीए के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि, जनहित सेवाओं (म्यूटेशन फ्रीहोल्ड, धनराशि वापसी, मानचित्र स्वीकृति) से संबंधित रिपोर्ट उनके समक्ष प्रतिदिन प्रस्तुत की जाए, जिसमें लंबित प्रकरणों की संख्या व सूची और डिफॉल्टर अधिकारियों का विवरण भी शामिल हो। 

सील बहुमंजिला इमारतों में निर्माण पूरा

उधर, एलडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष ने पिछले दो साल में जितने भी हजरतगंज, हुसैनगंज, चारबाग, महानगर, मौलवीगंज, शास्त्रीनगर, नादान महल रोड, ऐशबाग, सआदतगंज, ठाकुरगंज, महानगर, इंदिरानगर, सीतापुर रोड, गोमतीनगर, चिनहट आदि में बहुमंजिला इमारतों को अवैध निर्माण के चलते सील कराया था, उनमें गुपचुप तरीके से निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। कुछ बिल्डरों ने बहाने से सील को खुलवा कर अवैध निर्माण को अंजाम दिया है।
 

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