लखनऊ। पिछले दो साल कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोगों में पोषक तत्व और औषधीय गुण वाले पौंधों को लेकर जिज्ञासा और मांग बढ़ी है। इस कारण सरकार इन पौधों पर ज्यादा जोर दे रही है। इस बार के पौधरोपण में पर्यावरण के साथ लोगों की सेहत का भी पूरा खयाल रखा गया है। जुलाई में शुरू होने वाले अभियान के तहत औषधीय और पोषक तत्व वाले पौधों के रोपण पर योगी सरकार का खासा जोर है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभियान के तहत औषधीय एव सुंगधित प्रजाति के पौधों की डेढ़ दर्जन प्रजातियों (सहजन,अमलतास,अर्जुन, नीम, कदंब, अशोक और गुड़हल आदि) के पौधे लगाए जाएंगे। इनकी कुल संख्या 418 लाख के करीब होगी। लगभग तीन दर्जन प्रजातियों के औषधीय और पोषक तत्व के पौधे लगाने का भी लक्ष्य है। इनमें औषधीय गुण वाले बेल, आवला, कैथा, जामुन, बहेड़ा और हर्र शामिल हैं। इनकी संख्या 2,82,05, 994 होगी।
इसी तरह पोषक तत्व वाले जिन पौधों का रोपण होना है। इनमें शरीफा, कटहल, करौंदा, नींबू, लसौड़ा, अंजीर, गूलर, महुआ, आम, शहतूत, जंगल जलेबी, अमरूद, अनार, इमली, बेर, किन्नू और पपीता आदि शामिल हैं। मालूम हो कि सरकार ने इस सीजन में 30 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा है। पौधरोपण अभियान को सौ फीसद सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है।
वन विभाग इसकी नोडल एजेंसी है। 26 अन्य विभाग इसमें सहयोग कर रहे हैं। इन विभगों को कुल 19.20 करोड़ पौध रोपड़ का लक्ष्य दिया गया है। बाकी 10.80 करोड़ पौधे वन विभाग लगाएगा। कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार हर जिले में लोगों की मांग के अनुसार समय से पौधे उपलब्ध हों, इसके लिए वन विभाग की 1813 पौधशालाओं में 42.17 करोड़ पौध तैयार किए जा चुके हैं।
इसके अलावा रेशम और उद्यान विभाग भी अपनी नर्सरियों में पौध तैयार किए हैं। सरकारी विभागों, विभिन्न अदालतों के परिसर, किसानों, संस्थाओं, व्यक्तियों, निजी और सरकारी स्कूलों, केंद्र सरकार के उपक्रमों, स्थानीय निकायों, रेलवे, रक्षा, औद्योगिक इकाइयों, सहकारी समितियों को पहले की तरह वन विभाग नि:शुल्क पौधे उपलब्ध कराएगा। पारदर्शिता के लिए जो विभाग पौधे लगाएगा वह उस जगह की जिओ टैंगिग भी कराएगा। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से हर साल रिकॉर्ड पौधरोपण हुआ है। इस क्रम में अब तक अलग अलग प्रजातियों के कुल 60,24,46,551 पौध लगाये जा चुके हैं।
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