WHO के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार के कोविड प्रंबंधन मॉडल को नीति आयोग ने भी सराहा

कोविड के खिलाफ लड़ाई में योगी सरकार की नीतियों की विश्व स्वास्थ्य संगठन सराहना कर चुका है। अब नीति आयोग ने कोविड प्रबंधन के योगी मॉडल को सराहा है।

WHO के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार के कोविड प्रंबंधन मॉडल को नीति आयोग ने भी सराहा
यूपी के कोविड प्रंबधन मॉडल को WHO से मिली थी वाहवाही 
मुख्य बातें
  • आयोग ने UP में रियल टाइम ऑक्सीजन ट्रैकिंग और आक्सीजन अलॉटमेंट की सराहना की
  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अनिवार्य रूप से ऑक्सीजन कंटेनर्स, टैंकर्स और अन्य वाहनों में वेहिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने के दिए आदेश
  • घर घर जाकर लोगों की ट्रेसिंग, टेस्ट और ट्रीट फॉर्मूले को बताया बेहद प्रभावी

लखनऊ। विश्व स्वास्थ्य संगठन के बाद अब देश के नीति आयोग ने भी कोविड प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के मॉडल की जमकर तारीफ की है। आयोग ने यूपी के इस मॉडल को अन्य राज्यों के लिए नज़ीर बताया है। नीति आयोग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस संबंध में दो महत्वपूर्ण ट्वीट किए गए हैं। नीति आयोग ने एक ट्वीट में कोरोना मरीजों का पता लगाने और संक्रमण का फैलाव रोकने के किए उन्हें होम आइसोलेट करने के लिए चलाए गए ट्रिपल टी (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट) के महाभियान की सराहना की है तो दूसरे में यूपी के ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम की। नीति आयोग की टिप्पणी ने कोरोना को काबू में करने में योगी सरकार की नीति-रणनीति पर एक तरह से मुहर भी लगा दी है।

नीति आयोग ने की सराहना
गुरुवार देर शाम नीति आयोग के ट्विटर अकॉउंट पर आईं यह टिप्पणियां विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा कोविड मैनेजमेंट के लिए यूपी के योगी सरकार की कामयाब रणनीति की तारीफ की पुष्टि करती दिखीं। आयोग ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य के 97 हजार से अधिक गांवों में घर-घर जाकर कोरोना संक्रमित का पता लगाने और उन्हें आइसोलेट करने के महाभियान को अन्य राज्य भी दोहरा सकते हैं। इस ट्वीट में यह भी बताया गया है कि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट का यह यूपी मॉडल कोरोना को कावू करने में बेहद प्रभावशाली सिद्ध हो रहा है।


ऑक्सीजन आपूर्ति पर खास सराहना

अपने एक अन्य ट्वीट में नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों को हाथोंहाथ लिया। इस संबंध में आयोग ने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि उत्तर प्रदेश सरकार का ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम बेहद प्रशंसनीय है। यूपी ने ऑक्सीजन ट्रैकिंग के लिए एक ऐसा डैशबोर्ड तैयार किया है जिसके जरिए ऑक्सीजन टैंकरों की रियल टाइम लोकेशन पता लगा सकते हैं। इससे तत्परता से और बेहतर ऑक्सीजन आवंटन संभव हुआ है। नतीजे के रूप में यह आंकड़े हैं कि पहले जहां 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता हो पा रही थी, अब 1000 मीट्रिक टन होने लगी है। 

ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट का असर
वास्तव में कोरोना का फैलाव रोकने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के फार्मूले से प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार बहुत तेजी से थमने लगी है। पिछले 12 दिन में एक्टिव केस की संख्या में एक लाख से अधिक की कमी इस बात की तस्दीक है। इसके साथ ही संक्रमितों के इलाज के दौरान ऑक्सीजन को लेकर शुरुआती दिक्कत भी अब समाप्त हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शुरू ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम से पिछले कई दिनों से यूपी में पूरे देश मे सर्वाधिक ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।

केंद्र सरकार ने लागू किया यूपी मॉडल
वहीं, ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से लागू किए गए मॉडल को केंद्र सरकार ने भी अपनाया है। इस बारे में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अनिवार्य रूप से ऑक्सीजन कंटेनर्स, टैंकर्स और अन्य वाहनों में वेहिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने के आदेश दिए हैं। इन टैंकर्स की जीपीएस के माध्यम से उचित निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि कोई डायवर्जन या विलंब तो नहीं हो रहा है। उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन ट्रैकिंग सिस्टम को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। कंसल्टेंटमनीष त्यागी बताते हैं कि बिहार ने हमने इस सिस्टम को लागू कर दिया है। मध्य प्रदेश में भी बातचीत अंतिम दौर में है।

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