Lucknow Civil Hospital News: लखनऊ में अब सिविल अस्पताल में खून से अलग हो सकेंगे प्लेटलेट्स, मरीजों को राहत

Dr. Shyama Prasad Mukherjee Hospital: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही यहां खून से प्लेटलेट्स अलग करने की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। अस्पताल में प्लेटलेट्स एफेरेसिस मशीन लगने वाली है।

Dr. Shyama Prasad Mukherjee Hospital
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल   |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए गुड न्यूज
  • अस्पताल में लगेगी प्लेटलेट्स एफेरेसिस मशीन
  • शासन से मिली प्लेटलेट्स एफेरेसिस मशीन लगाने की मंजूरी

Platelets Apheresis Machine: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में जल्द ही खून से प्लेटलेट्स अलग करने की सुविधा शुरू हो सकेगी। इसके लिए अस्पताल में प्लेटलेट्स एफेरेसिस मशीन लगाई जाएगी। अस्पताल प्रशासन के प्रस्ताव पर शासन ने अपनी मंजूरी दे दी है। राजधानी के किसी भी सरकारी अस्पताल में यह पहली प्लेटलेट्स एफेरेसिस मशीन होगी। डेंगू, कैंसर, किडनी, बोन मैरो मैल्गिनेंसी, ब्लड कैंसर समेत कई बीमारियों में शरीर के भीतर प्लेटलेट्स की भारी कमी हो जाती है। इसकी वजह से मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। 

प्लेटलेट्स चढ़ाने से पहले इसे खून में से अलग करना होता है। यह काम प्लेटलेट्स एफेरेसिस मशीन के माध्यम से किया जाता है। सिविल अस्पताल के चिकित्सा अीक्षक डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि प्लेटलेट्स एफेटेसिस मशीन के माध्यम से खून में से तुरंत ही प्लेटलेट्स अलग हो जाता है। 

डोनर के शरीर से निकलेंगी सिर्फ प्लेटलेट्स

ऐसे में डोनर के शरीर से सिर्फ प्लेटलेट्स ही निकलती है और बाकी कंपोनेंट वापस शरीर में चले जाते हैं। इस प्रक्रिया में 50 मिनट से लेकर 100 मिनट तक का समय लगता है। फिलहाल ये मशीन सिर्फ केजीएमयू, पीजीआई और लेहिया संस्थान में हैं। अब सिविल अस्पताल में भी यह सुविध मिल सकेगी। सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि मरीजों के लिए अच्छी खबर है कि शासन ने अस्पताल में प्लेटलेट्स एफेरेसिस लगाने पर सहमति दे दी है। इसकी खरीद की प्रक्रिया की जा रही है। अगले 15 दिन में मशीन आने की उम्मीद है। 

मोबाइल नंबर के बावजूद नहीं भेजी जाती रिपोर्ट

उधर, केजीएमयू में लैबोरेट्री इंफॉर्मेशन सेंटर के स्थान पर अब ई-ऑफिस की व्यवस्था शुरू की गई है। दावा था कि इस सॉफ्टवेयर पर मरीज की रिपोर्ट अपडेट कर दी जाएगी। मरीज की रिपोर्ट तो सॉफ्टवेयर पर अपडेट हो रही है, लेकिन मरीज को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ई-ऑफिस में यह व्यवस्था है कि मरीज को उसके मोबाइल नंबर पर ही रिपोर्ट भेजी जाएगी। यह रिपोर्ट एक लिंक के माध्यम से भेजी जाती है। हालांकि अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हुई है। जबकि ज्यादातर निजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर मोबाइल पर जांच रिपोर्ट भेजने की व्यवस्था करते हैं। केजीएमयू में महंगी जांच फीस के बावजूद मरीज को रिपोर्ट के लिए बार-बार भटकना पड़ता है।

Lucknow News in Hindi (लखनऊ समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।

अगली खबर