Coronavirus in Ganga River: कहीं जीवनदायिनी गंगा में कोरोना के वायरस तो नहीं, पता लगा रहे है वैज्ञानिक

मई के महीने में जिस तरह से गंगा नदी में शवों के मिलने का मामला सामना आए उसके बाद हड़कंप मच गया। अब इस विषय पर शोध किया जा रहा है कि कहीं गंगा का पानी कोरोना वायरस से प्रदूषित तो नहीं हो गया है।

कहीं जीवनदायिनी गंगा में कोरोना के वायरस तो नहीं
कन्नौज से लेकर गाजीपुर तक गंगा नदी में शव फेंके गए थे 
मुख्य बातें
  • गंगा नदी में कन्नौज से लेकर बलिया तक सैंकड़ों शव उतराते मिले
  • गंगा की रेती में सैकड़ों शवों के दफ्न करने के मामले भी सामने आए
  • इस तरह की तस्वीरों पर जमकर सियासत हुई थी।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच अब केसों में कमी आ रही है। लेकिन मई का महीना आसानी से भूला नहीं जा सकता है। अगर ऐसी बात है तो उसके पीछे ऑक्सीजन की कमी, दवाइयों की किल्लत, अस्पतालों के बिस्तर पर दम तोड़के लोगों के साथ जीवनदायिनी गंगा में उतराती हुई लाशें भी वजह थीं। अब वैज्ञानिकों को यह चिंता सता रही है कि कहीं ऐसा तो नहीं जीवनदायिनी गंगा में सार्स कोविड-2 के वायरस तो नहीं है।

गंगा का पानी प्रदूषित तो नहीं
आसान तरीके से समझें तो कहीं गंगा का पानी कोरोना वायरस से प्रदूषित तो नहीं हो गया है। लखनऊ स्थित भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान ने कन्नौज से पटना के बीच 13 जगहों से सैंपल इकट्ठा किये हैं।आईआईटीआर के निदेशक सरोज बारिक कहते हैं कि शोध के दौरान पानी में मौजूद आरएनए वायरस को निकाला जाएगा और आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। 

सैंपलिंग का काम जारी
अगले फेज के लिए सैंपल इकट्ठा करने का काम आठ जून से शूरू होने जा रहा है। मई के महीने में जिस तरह से कन्नौज से लेकर गाजीपुर तक गंगा में शवों को फेंके जाने के मामले सामने आए उसके बाद राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन यानी एनएमसीजी ने अध्ययन कराने का फैसला किया था। 
जल शक्ति मंत्री ने क्या कहा था
जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में गंगा नदी में शव फेंके जाने की रिपोर्ट के बाद नदी के जल को प्रदूषित होने से रोकने के लिए हालात पर नजर रखी जा रही है।  मौजूदा प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर रहे हैं और नियमित अध्ययन कर रहे है। एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक डी पी माथुरिया ने कहा कि इन स्थितियों (नदी) में वायरस जीवित नहीं रहता है। हालांकि साक्ष्य-आधारित अध्ययन करने का फैसला किया गया है। 

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