शिवपाल का अखिलेश पर पलटवार, 'मुझे विधायक दल से बाहर निकाल दें'

लखनऊ समाचार
भाषा
Updated Apr 21, 2022 | 17:40 IST

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा से मिलने वाला सपा में नहीं रहेगा। इस पर शिवपाल ने कहा कि अखिलेश अगर ऐसा सोचते हैं तो मुझे विधायक दल से जल्द बाहर निकाल देना चाहिए। 

Shivpal yadav hits back at Akhilesh yadav, 'Keep me out of the legislature party'
मुलायम परिवार में फिर कलह! 

लखनऊ : सीनियर समाजवादी नेता शिवपाल यादव ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा से मिलने वाला सपा में नहीं रहेगा। शिवपाल ने इस टिप्पणी को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि अगर अखिलेश ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुझे विधायक दल से जल्द बाहर निकाल देना चाहिए। भाजपा में जाने की अटकलों पर शिवपाल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है और जब सही समय आएगा तो वह सभी को इसके बारे में बताएंगे।

अखिलेश की टिप्पणी पर शिवपाल को आपत्ति 

पूर्व में अपने भतीजे से मनमुटाव के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपीएल) बनाने वाले शिवपाल ने हाल ही में सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। अखिलेश की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए शिवपाल ने कहा कि यह गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी है। मैंने सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर चुनाव लड़ा था। अगर उन्हें ऐसा लगता है तो वह तुरंत इस पर निर्णय लें और मुझे विधानमंडल दल से बाहर निकाल दें। हालांकि, सपा अध्यक्ष ने अपने चाचा का नाम नहीं लिया था, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ शिवपाल की हालिया मुलाकात की पृष्ठभूमि में की गई उनकी इस टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में फिर हलचल मचा दी है।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के इन दावों के बारे में पूछे जाने पर कि वह नियमित रूप से उनके संपर्क में हैं और गठबंधन के सदस्य हैं, शिवपाल ने कहा कि एक फोन आया था, लेकिन अभी तक उनसे इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है। संभव है कि उन्होंने मुझसे मिलते-जुलते नाम वाले किसी और व्यक्ति से बात की होगी।

शिवपाल ट्विटर पर पीएम मोदी, सीएम योगी को फोलो करने लगे

शिवपाल ने हाल ही में भाजपा के साथ बढ़ती दोस्ती के संकेत दिए थे, जब योगी से मिलने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया था।

विपक्षी गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुए थे शिवपाल

शिवपाल और अखिलेश के बीच दरार तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया था। शिवपाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में विपक्षी गठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। शिवपाल ने 31 मार्च को शपथ ली थी और बाद में वह लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे, जिससे उनके पाला बदलने की अटकलों को हवा मिली थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद "चाचा-भतीजा" के बीच बढ़ती दूरी के बीच अखिलेश शिवपाल पर टिप्पणी करने से बचते आए हैं। हाल ही में जब कन्नौज में मीडियाकर्मियों ने अखिलेश से शिवपाल के बारे में सवाल किया तो उन्होंने पत्रकारों को ऐसे मुद्दों पर समय बर्बाद नहीं करने की सलाह दी थी।

आजम खान के परिवार मेरे संपर्क में है शिवपाल

शिवपाल ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के साथ किए जा रहे व्यवहार की भी आलोचना की, जो लंबे समय से जेल में हैं। बुधवार को रामपुर में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के आजम के परिवार से मिलने पर शिवपाल ने कहा कि राजनीति में शिष्टाचार मुलाकातें होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी उनसे जल्द मिलने की कोशिश करूंगा। उनका परिवार मेरे संपर्क में है। शिवपाल ने कहा कि चुनाव से पहले मैं आजम से जेल में मिला था, उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं था। उनके जैसे बड़े नेता के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, वह सही नहीं है। 

राजनीति में प्रतिशोध की ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। अपनी पार्टी पीएसपीएल की विभिन्न इकाइयों को भंग करने पर शिवपाल ने कहा कि चुनाव के बाद उनकी पार्टी में समीक्षा और पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही थी। उचित समीक्षा के बाद पार्टी को दोबारा शुरू किया जाएगा।

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