UP : कोरोना इलाज के नाम पर ज्यादा वसूल नहीं पाएंगे निजी अस्पताल, योगी सरकार ने तय की दरें 

Corona treatment in UP : योगी सरकार ने 'ए' श्रेणी के नगरों में सुपर स्पेशिलिटी की सुविधा वाले अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल के रूप में परिवर्तित करने पर मरीजों से ली जाने वाली दर तय कर दी है।

UP govt capped rates for various Covid related procedures, services in pvt hospitals
योगी सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज की दरें तय कीं।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • राज्य में निजी अस्पतालों के लिए आरटीपीसीआर जांच के लिए कीमत तय
  • बेड्स और वेंटिलेटर युक्त सुविधा के लिए योगी सरकार ने तय की दरें
  • राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों को ए, बी और श्री श्रेणी में बांटा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण की आरटीपीसीआर जांच के लिए निजी प्रयोगशालाओं एवं अस्पतालों द्वारा ली जाने वाली अधिकतम धनराशि तय कर दी है। निजी अस्पतालों में कोरोना बेड्स, आईसीयू अथवा वेंटिलेटर के बिना बेड्स की दर भी निर्धारित की गई है। निजी अस्पतालों एवं प्रयोगशालाओं से आरटीपीसीआर जांच की कीमत 700 रुपए तय की गई है। जबकि सैंपल एकत्र किए जाने की कीमत 900 रुपए तय की गई है।  

आरटीपीसीआर जांच के लिए कीमत तय
योगी सरकार ने 'ए' श्रेणी के नगरों में सुपर स्पेशिलिटी की सुविधा वाले अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल के रूप में परिवर्तित करने पर मरीजों से ली जाने वाली दर तय कर दी है। राज्य के 'बी' एवं 'सी' श्रेणी के नगरों में स्थित सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल 'ए' श्रेणी के नगरों के निजी अस्पतालों की कीमत का क्रमश: 80 प्रतिशत और 60 फीसदी शुल्क ले सकते हैं। राज्य सरकार ने 'ए' श्रेणी में कानपुर, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, मेरठ, नोएडा एवं गाजियाबाद को रखा है। 

निजी अस्पतालों को  ए, बी और सी श्रेणी में बांटा 
'बी' श्रेणी में मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, मथुरा, रामपुर, मिर्जापुर, शाहजहां, अयोध्या, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर और फर्रूखाबाद के निजी अस्पताल शामिल हैं।  'सी' श्रेणी-इसमें ए और बी श्रेणी से इतर जिलों को रखा गया है। राज्य के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद की ओर से इस संबंध में जारी निर्देश में कहा गया है कि   'यह संज्ञान में आया है कि अभी भी कई निजी चिकित्सालय उक्त निर्धारित दर कंसलटेंसी फीस के अतिरिक्त नर्सिंग केयर, मॉनिटरिंग, विजिट आदि के नाम पर अधिक शुल्क वसूल रहे हैं जो एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 एवं उप्र महामारी कोविड-19 विनियमावली, 2020 के तहत दंडनीय अपराध है।'

राज्य में कोरोना के मामलों में तेजी से उछाल
उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार को बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 18,021 नए मामले मिले जबकि 85 लोगों की मौत हुई। इस दौरान उपचार के बाद 3,474 लोग ठीक भी हुए। राजधानी लखनऊ का कोरोना से बुरा हाल है। राज्य के प्रमुख शहरों कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और आईएमए एमएस के वीसी डॉ. सूर्यकांत ने राज्य में कोरोना संक्रमण की दर पर चिंता जताई है। उन्होंने चेन्नै गणितीय विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर वायरस की प्रजनन क्षमता 1.32 है, जबकि यूपी में यह 2.14 पर पहुंच चुकी है।

सीएम योगी ने खुद को किया आइसोलेट
इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों के कोरोना से पॉजिटिव होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ओएसडी अभिषेक कौशिक, विशेष सचिव अमित सिंह सहित कुछ अन्य कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सीएम योगी इन दिनों पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार भी कर रहे हैं। 

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