लखनऊ। यूपी एटीएस ने मंगलवार को पीएफआई से जुड़े कुछ लोगों की गिरफ्तारी की थी और जो जानकारी सामने आई है उससे पता चलता है कि वो प्रदेश और देश के सांप्रदायिक माहौल को खराब करने की फिराक में थे। यूपी पुलिस का कहना है कि वो हिंदुवादी संगठनों से जुड़े कुछ नेताओं को मारने की योजना में थे।
पीएफआई के इरादे नहीं हैं नेक
यूपी पुलिस के एडीजी कानून और व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि पीएफआई से जुड़े लोगों ने हाथरस की घटना के बाद भी माहौल को खराब करने की कोशिश की थी और उस केस में कुछ गिरफ्तारियां भी गई। अभी तक 123 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और कुछ लोगों पर निगाह रखी जा रही थी। मंगलवार को खुफिया जानकारी के आधार पर जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया वो लोग पीएफआई में बड़े पदों पर काम करते हैं।
पीएफआई से जुड़े दो लोगों की हुई थी गिरफ्तारी
पीएफआई सदस्यों अंसाद बदरुद्दीन और फिरोज खान की गिरफ्तारी के संबंध में यूपी एटीएस पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। यूपी एटीएस द्वारा जांच की जाएगी उन्हें आज एक अदालत में पेश किया जाएगा।केरल के अंसाद बदरुद्दीन और फिरोज खान को कल यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।
बचाव में उतरे जफरयाब जिलानी
जफरयाब जिलानी का कहना है कि पीएफआई के जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन विस्फोटकों या साक्ष्यों का जिक्र किया जा रहा है वो सब प्लांटेड हैं। इससे पहले भी पीएफआई से जुड़े जिन्हें गिरफ्तार किया गया था उनके पास से भी कुछ बरामद नहीं हुआ था और ना ही किसी आतंकी संगठन से संबंध रखने की पुष्टि हुई थी।
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