13 महीने तक 25 स्कूलों में कार्यरत और कमा लिए 1 करोड़ रुपए, UP की टीचर ने किया ऐसा कारनामा

Uttar Pradesh Teacher Scam: उत्तर प्रदेश में एक महिला टीचर एक समय में 25 स्कूलों में कार्यरत होती है और 13 महीनों में वेतन के रूप में 1 करोड़ रुपए लेती है। इस मामले की अब जांच हो रही है।

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टीचर के खिलाफ जांच शुरू हो गई है 
मुख्य बातें
  • शिक्षिका का ये घोटाला 13 महीने लंबा फरवरी 2020 तक चला
  • मार्च में पहली बार टीचर के खिलाफ शिकायत मिली
  • लॉकडाउन के कारण जांच आगे नहीं बढ़ी, अब रिकॉर्ड का सत्यापन किया जाएगा

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला शिक्षक ने महीनों कई स्कूलों में काम कर 1 करोड़ रुपए की कमाई की है। अनामिका शुक्ला महीनों से 25 स्कूलों में काम कर रही थीं और डिजिटल डेटाबेस के बावजूद एक करोड़ रुपए का वेतन पाने में सफल रहीं। 
यह सुनने में असंभव लग सकता है, लेकिन वह कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) में कार्यरत पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षिका थीं और अंबेडकर नगर, बागपत, अलीगढ़, सहारनपुर और प्रयागराज जैसे जिलों के कई स्कूलों में एक साथ काम कर रही थीं। 

ऐसे सामने आया सच

ये मामला तब सामने आया जब शिक्षकों का एक डेटाबेस बनाया जा रहा था। मानव सेवा पोर्टल पर शिक्षकों के डिजिटल डेटाबेस में शिक्षकों के व्यक्तिगत रिकॉर्ड, ज्वॉइनिंग डेट और पदोन्नति की तारीख की आवश्यकता होती है। एक बार रिकॉर्ड अपलोड होने के बाद यह सामने आया कि अनामिका शुक्ला, जिनसे जुड़ी जानकारियां एक ही हैं वो 25 स्कूलों में सूचीबद्ध है।

कैसे और कहां हुई इतनी बड़ी चूक?

यह आश्चर्य की बात है कि यूपी के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति की रियल टाइम मॉनिटरिंग के बावजूद अनामिका शुक्ला ऐसा करने में सक्षम थीं। अब इसकी जांच शुरू कर दी गई है। सवाल है कि एक शिक्षक कैसे कई स्थानों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकता है? आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे और किस स्तर पर हुई? शिक्षिकों को प्रेरणा पोर्टल पर अपनी उपस्थिति डालनी होती है, उसके बावजूद ऐसा हुआ।

13 महीने तक लिया 25 स्कूलों से वेतन

रिकॉर्ड के अनुसार सभी स्कूलों में शुक्ला एक साल से अधिक समय तक इन स्कूलों में कार्यरत थीं। KGBV कमजोर वर्गों की लड़कियों के लिए एक आवासीय विद्यालय है और यहां शिक्षकों को अनुबंध पर नियुक्त किया जाता है। उन्हें प्रति माह लगभग 30,000 रुपए का भुगतान किया जाता है। जिले के प्रत्येक ब्लॉक में एक कस्तूरबा गांधी स्कूल है। अनामिका ने फरवरी 2020 तक 13 महीने में इन स्कूलों से वेतन के रूप में एक करोड़ रुपए लिए हैं। मैनपुरी की रहने वाली अनामिका शुक्ला को आखिरी बार फरवरी में रायबरेली के केजीबीवी में काम करते हुए पाया गया था, जब उनका फर्जीवाड़ा सामने आया था। 

क्या एक ही खाते में आ रहा था सभी स्कूलों का वेतन

रायबरेली में बेसिक शिक्षा अधिकारी, आनंद प्रकाश ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय ने अनामिका शुक्ला नामक एक शिक्षिका के बारे में जांच करने के लिए छह जिलों को पत्र जारी किया था। हालांकि रायबरेली का नाम सूची में नहीं था, हमने क्रॉस चेक किया और महिला को हमारे केजीबीवी में भी काम करते हुए पाया। उन्हें नोटिस जारी किया गया, लेकिन उन्होंने वापस रिपोर्ट नहीं की। उनका वेतन तुरंत रोक दिया गया।' उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण जांच आगे नहीं बढ़ सकी लेकिन अब रिकॉर्ड का सत्यापन किया जाएगा। यह पता लगाना अभी बाकी है कि शुक्ला अलग-अलग स्कूलों के वेतन के लिए एक ही बैंक खाते का इस्तेमाल कर रही थीं या नहीं।

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