क्या यूपी चुनाव अकेले प्रियंका गांधी की अगुवाई में लड़ेगी कांग्रेस? पोस्टर से उठे सवाल

उत्तर प्रदेश में अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाने के लिए कांग्रेस लगातार प्रयास कर रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने तीन दिनों के दौरे पर बुधवार को लखनऊ पहुंच रही हैं।

will Congress fight UP assembly poll on Priyanka Gandhi face? Rahaul absent from poster
क्या यूपी में प्रियंका गांधी के चेहरे पर दांव लगाएगी कांग्रेस? 

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस क्या राहुल गांधी के चेहरे पर दांव नहीं लगाएगी? यह सवाल इसलिए है क्योंकि लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में जो पोस्टर दिखा है, वह इसी बात का संकेत दे रहा है। इस लंबे-चौड़े पोस्टर में धान के खेत में उगते सूरज के साथ पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी नजर आई हैं। पोस्टर में राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस के किसी भी नेता को जगह नहीं दी गई है। यह पोस्टर लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कमान राहुल गांधी ने संभाली थी। यह चुनाव कांग्रेस और सपा ने मिलकर एक साथ लड़ा था। 

बुधवार को लखनऊ पहुंच रही हैं प्रियंका
प्रियंका गांधी अपने तीन दिनों के दौरे पर बुधवार को लखनऊ पहुंचेंगी। बताया जा रहा है कि इस दौरान वह विधानसभा चुनाव में पार्टी की तैयारियों की समीक्षा करने के साथ- साथ संगठनात्मक विषयों पर भी विचार-विमर्श करेंगी। लोकसभा चुनाव 2019 के समय से प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की राजनीति में लगातार सक्रिय हैं। उन्होंने समय-समय पर राज्य का दौरा किया है और नीतियों एवं कानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। हालांकि, अपने इस पोस्टर से कांग्रेस क्या संदेश देने की कोशिश कर रही है, यह साफ नहीं है फिर भी इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। 
 
कांग्रेस में अध्यक्ष पद की ताजपोशी की चल रही तैयारी
दरअसल, राजनीति के जानकारों का मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी की तैयारी चल रही है। गत मई महीने में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आए। तमिलनाडु को छोड़कर बाकी चार राज्यों में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा। राहुल गांधी यदि अध्यक्ष बनते हैं तो उनके सामने यूपी सहित पांच राज्यों में पार्टी को नई ऊंचाई पर ले जाने की जिम्मेदारी होगी। पार्टी नहीं चाहेगी कि चुनावी असफलता का दाग राहुल के दामन पर लगे। उसके ध्यान में 2024 का लोकसभा चुनाव हो सकता है। 

यूपी में कांग्रेस की डगर कठिन
कांग्रेस के लिए यूपी की राह कठिन है। देश के सबसे बड़े राज्य में सबसे पुरानी पार्टी हाशिए पर चली गई है। राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी 2017 का चुनाव लड़ी, सपा के साथ गठबंधन भी उसे राजनीतिक लाभ नहीं दे सका। प्रियंका यूपी की राजनीति में लगातार सक्रिय हैं। कार्यकर्ताओं में उनकी पूछ ज्यादा है। ऐसे में कार्यकर्ताओं में उत्साह एवं नेताओं को एकजुट रखने में प्रियंका एक बड़ा फैक्टर हो सकती हैं। दूसरा, उनका महिला होना कांग्रेस को चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है। हो सकता है कि इन सब बातों पर विचार करते हुए कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव प्रियंका के चेहरे पर लड़ने का फैसला किया हो।   

2017 में सपा के साथ मिलकर लड़ा था चुनाव
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसे महज सात सीटों पर जीत मिली। उसका वोट प्रतिशत पर गिरकर 6.25 फीसदी पर पहुंच गया। 29 सीटों पर उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई। सूबे में कांग्रेस इस स्थिति में पहुंच गई है। राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी पार्टी के रूप में अपना रसूख और दबदबा बनाए रखने के लिए यूपी विस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने का उस पर दबाव भी है। बहरहाल, प्रियंका गांधी के लखनऊ के दौरे पर सभी की नजरें टिकी हैं। उनकी इस यात्रा के बाद कांग्रेस की भावी रणनीति से पर्दा उठा सकता है। 


 

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