गोवंश बचाने के फैसले से जनता की भावनाओं का हुआ सम्मान: डॉ. चंद्रमोहन  

UP cabinet ordinance on cow slaughter: उत्तर प्रदेश में गोतस्करी एवं गोवंश की हत्या पर रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नए अध्यादेश को मंजूरी दी है। अब इन अपराधों के लिए ज्यादा सख्त सजा मिलेगी।

BJP spokerperson Dr. Chandramohan reacts on UP cabinet ordinance on cow slaughter
गोवंश के खिलाफ अपराध रोकने के लिए यूपी सरकार लाई अध्यादेश। 
मुख्य बातें
  • राज्य में गोवंश की हत्या एवं तस्करी पर रोक लगाने के लिए सख्त हुई योगी सरकार
  • अब दोषियों को पहले से ज्यादा कठोर सजा देने के लिए अध्यादेश लाया गया है
  • भाजपा प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा कि इससे लोगों की भावनाओं का सम्मान हुआ है

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गायों की तस्करी और गोकशी करने वालों के लिए अब सजा और कड़ी मिलेगी। गो-तस्करी एवं गोकशी पर पूरी तरह रोक लगाने के उद्देश्य उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को यूपी गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी। इस अध्यादेश में गोकसी एवं गो तस्करी में संलिप्त लोगों को सजा देने के लिए अधिकतम 10 साल की सजा एवं पांच लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। गोवंश के साथ पहली बार अपराध करने वाले को एक से सात साल की सख्त सजा एवं एक लाख रुपए से तीन लाख रुपए तक का जुर्माना देना होगा। 

'फैसले से जनता की भावनाओं का सम्मान हुआ'
गोवंश की सुरक्षा के लिए यूपी कैबिनेट की ओर से मंजूरी मिलने के बाद भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने बुधवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। टाइम्स नाउ डिजिटल से खास बातचीत में भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार ने इस अध्यादेश को मंजूरी देकर प्रदेश की 23 करोड़ जनता का सम्मान किया है। उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश की कैबिनेट ने इस अध्यादेश के जरिए जनता की भावनाओं की सम्मान किया है। यूपी एक कृषि प्रधान देश है और कृषि प्रधान देश होने के नाते यहां की कृषि का आधार गोवंश है।'

इससे किसानों को मिलेगा लाभ
उन्होंने आगे कहा, 'कृषि के उत्थान, दुग्ध उत्पादन एवं जैविक खेती के लिए गोवंश की सुरक्षा जरूरी है। अध्यादेश के कानून बन जाने के बाद इसका लाभ किसानों को मिलेगा। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इस अध्यादेश के जरिए प्रदेश की 23 करोड़ जनता की भावनाओं का सम्मान किया है।'

दोषी व्यक्ति को 10 साल तक की होगी सजा
वहीं अपराध के लिए दूसरी बार दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 10 साल की सश्रम सजा एवं पांच लाख रुपए का जुर्माना देना होगा। यह अध्यादेश मौजूदा गोकशी कानून को पहले से ज्यादा सख्त एवं प्रभावी बनाने के लिए लाया गया है। इस कानून के होते हुए भी राज्य में गोकशी एवं गोतस्करी की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई थी। समझा जाता है कि इस अध्यादेश के कानून की शक्ल अख्तियार कर लेने के बाद गायों के साथ होने वाले अपराध पर अंकुश लगेगा।

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