नई दिल्ली: महाराष्ट्र में बंद धार्मिक स्थलों (Religious places Reopen) को 7 अक्टूबर से खोलने की इजाजत दे दी गई है, अक्टूबर महीने में त्योहारों की शुरुआत हो रही है, ऐसे में नवरात्र के पहले दिन से राज्य में सभी मंदिरों के साथ अन्य धार्मिक स्थल भी खोल दिए जाएंगे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गई है।
धार्मिक स्थलों के साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में 4 अक्टूबर से स्कूल भी खोले जाने का फैसला लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने एलान किया कि शहरी इलाकों में 8 से 12वीं तक के क्लास खोले जाएंगे जबकि 5वीं से 12से बारहवीं तक के स्कूल ग्रामीण इलाकों में खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा राज्य में सभी धार्मिक स्थल 7 अक्टूबर से खुलेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने तीसरी लहर की तैयारी की है लेकिन एहतियात बरतते हुए राज्य सरकार विभिन्न गतिविधियों में छूट दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं लेकिन कोरोना वायरस का खतरा अभी भी बना हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले का स्वागत किया जिसके अनुसार सात अक्टूबर से धार्मिक तथा प्रार्थना स्थलों को खोलने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही फडणवीस ने कहा कि देश के कई अन्य हिस्सों में यह निर्णय लगभग छह महीने पहले लिया जा चुका है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस जनित महामारी के कारण लागू लॉकडाउन हटने के बाद धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। फडणवीस ने स्वास्थ्य विभाग की भर्ती परीक्षा के अंतिम समय में रद्द होने पर भी राज्य सरकार पर हमला बोला। कुल 6,200 पदों के लिए यह परीक्षा शनिवार और रविवार को होनी थी और इसमें आठ लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को भाग लेना था।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया था कि जो कंपनी परीक्षा करवाने वाली थी उसने कह दिया था कि वह परीक्षा का आयोजन नहीं करवा सकती, जिसके बाद उसे रद्द करना पड़ा था। शिवसेना के मुखपत्र सामना के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि सामना का मूल स्तर अब नहीं रहा और अब उसमें केवल लिखने के लिए लिखा जाता है। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं पता आप सामना के बारे में मुझसे क्यों पूछते हैं? मैं हाथ जोड़कर आपसे आग्रह करता हूं कि मुझसे सामना के बारे में कुछ मत पूछिए।'