Corruption Complaint to ACB: मुंबई पुलिस के PSI पर भ्रष्टाचार का केस, ACB ट्रैप के दौरान पैसे लेकर फरार

मुंबई समाचार
Updated Feb 23, 2022 | 20:55 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Corruption Complaint to ACB: मुंबई पुलिस के सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ एसीबी के पास शिकायत दर्ज हुई है। शिकायत में भ्रष्टाचार और रिश्वत मांगने के आरोप हैं। एसीबी ने साकी नाका थाने के पुलिस सब-इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार पवार को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया। ट्रैप के दौरान प्रवीण कुमार रिश्वत के पैसे लेकर फरार हो गया। एसीबी ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

Mumbai Police Sakinaka Station
साकीनाका थाने का पुलिस सब-इंस्पेक्टर रिश्वत के पैसे लेकर फरार (फाइल फोटो) 
मुख्य बातें
  • भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पास मुंबई पुलिस के खिलाफ शिकायत
  • साकी नाका थाने का पुलिस सब-इंस्पेक्टर पैसे लेकर फरार
  • एसीबी ने बिछाया जाल फिर भी रिश्वत लेकर भागा पीएसआई

Corruption Complaint to ACB: मुंबई पुलिस के सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ एसीबी में शिकायत दर्ज हुई। साकीनाका पुलिस थाने के 30 वर्षीय पीएसआई प्रवीण कुमार पवार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई। पुलिस अधिकारी के उत्पीड़न और भ्रष्टाचार से परेशान एक व्यक्ति ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में पीड़िता ने कहा कि उनके बेटे के साथ कथित तौर पर मारपीट हुई जिसके बाद वो शिकायत दर्ज कराने के लिए साकी नाका पुलिस स्टेशन पहुंची।

वहां मौजूद आरोपी पुलिस अधिकारी ने ना तो मामला दर्ज किया और पीड़िता और उसके बेटे को पूरी रात थाने में बैठाया। आरोप है कि आरोपी प्रवीण कुमार ने पीड़िता के बेटे का मोबाइल फोन ले लिया और उसे वापस करने के लिए पैसे की मांग की।

क्या था मामला

एसीबी की शिकायत में कहा गया है कि साकीनाका थाने के पुलिस सब-इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार पवार ने सोमवार शिकायतकर्ता के साकीनाका पुलिस स्टेशन पहुंचने पर उनकी शिकायत दर्ज नहीं की। उनकी शिकायत थी की उसके पड़ोस में बच्चों के बीच हुई हाथापाई में उसके बेटे के सिर में चोट लग गई थी। एसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि पीएसआई पवार ने न केवल उन्हें रात भर थाने में बैठाया, बल्कि उनकी शिकायत भी दर्ज नहीं की।

एसीबी ने बिछाया जाल

एसीबी अधिकारी ने कहा कि पीड़िता ने अपनी शिकायत में आगे आरोप लगाया कि पीएसआई पवार ने पीड़ित के बेटे को हिरासत में लिया मोबाइल फोन वापस करने के लिए रिश्वत की मांग की। पीड़िता रिश्वत नहीं देना चाहती थी और इसके लिए उन्होंने एसीबी से संपर्क किया। शिकायतकर्ता के आरोप हैं कि अधिकारी ने 5,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी और पीड़ित से 3,500 रुपये की अंतिम रूप से तय की गई राशि स्वीकार कर ली थी। इसके बाद एसीबी ने जाल बिछाया। हालांकि, जाल के समय, आरोपी अधिकारी रिश्वत लेकर भागने में सफल रहा। एसीबी ने पीएसआई पवार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (सबूत नष्ट करना) और धारा 7 (एक आधिकारिक अधिनियम के संबंध में कानूनी पारिश्रमिक के अलावा अन्य रिश्वत लेना) के तहत मामला दर्ज किया है।

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