महाराष्ट्र में सामने आई बड़ी लापरवाही, थैलेसीमिया से पीड़ित चार बच्चे एचआईवी संक्रमित, एक की मौत

HIV Positive Children: महाराष्ट्र के नागपुर में एक अस्पताल ने थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित चार बच्चों को एचआईवी संक्रमण वाला खून चढ़ा दिया। इससे बच्चें एचआईवी से संक्रमित हो गए, जिनमें एक बच्चे की मौत भी हो गई।

thalassemic children tested positive for HIV
महाराष्ट्र के थैलेसीमिया बच्चे हुए एचआईवी संक्रमित (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • नागपुर के बड़े अस्पताल में बड़ी लापरवाही
  • थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ा गलत खून
  • एचआईवी संक्रमण खून के चढ़ने से एक मौत

HIV Positive Children: महाराष्ट्र के नागपुर में एक अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। खबर है कि, अस्पताल में थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित चार बच्चों को एचआईवी संक्रमण वाला खून चढ़ा दिया गया है। गलत खून चढ़ने से चारों बच्चे संक्रमित हो गए और उनकी तबियत बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि, इन चारों बच्चों में सेएक बच्चे की मौत भी हो गई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बच्चे की मौत की पुष्टि की है। बच्चों में गलत खून चढ़ाने की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया है। अस्पताल कर्मचारियों में भी खलबली मची हुई है। अभी कोई भी इस मामले में ज्यादा बोलने से बचता हुआ नजर आ रहा है। 

गौरतलब है कि, संक्रमित होने वाले चारों बच्चे थैलेसीमिया नामक बीमारी से ग्रसित हैं। बच्चों को यह बीमारी अनुवांशिक मिलती है जो एक रक्त रोग है और काफी खतरनाक भी है। इतनी गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों के साथ भी अस्पताल ने ऐसी लापरवाही कर दी और चारों बच्चों को एचआईवी संक्रमण ब्लड चढ़ा दिया गया है। जिसके बाद बच्चे एचआईवी संक्रमित हो गए। संक्रमित होते ही बच्चों की तबियत बिगड़ गई। इनमें एक बच्चे की मौत होने की भी जानकारी मिल रही है। 

दोषियों पर होगी कार्रवाई

राज्य स्वास्थ्य विभाग में असिस्टेंट डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर आरके धकाटे ने कहा गया कि, अस्पताल में इलाज के बाद चार बच्चों में एचआईवी का संक्रमण पाए जाने की खबर है। इन चारों में एक बच्चे की मौत भी हो गई है। आरके धकाटे ने आगे कहा कि, इस मामले में तुरंत संज्ञान लिया जाएगा और एक जांच कमिटी का गठन किया जाएगा। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

क्या होती है थैलेसीमिया बीमारी 

थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है जो परिवार में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जा सकती है। सीधे शब्दों में कहें तो थैलेसीमिया बीमारी बच्चों को उनके माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलती है। ये एक तरह का रक्त रोग है। इस बीमारी में शरीर में हीमोग्लोबिन निर्माण की जो प्रक्रिया है, वो बिगड़ जाती है, जिससे ठीक से खून नहीं बन पाता।

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