Mumbai Crypto: मुंबई में नया फरमान जारी, क्रिप्टोकर्रेंसी में मिला पेमेंट तो देना होगा GST, मुश्किल में व्यापारी

Mumbai Crypto: मुंबई में कारोबारियों के लिए एक नई मुश्किल आ खड़ी हुई है। जीएसटी विभाग के नए फरमान के मुताबिक अगर कोई पेमेंट क्रिप्टोकर्रेंसी के जरिए होगा तो उसके लिए तीस प्रतिशत जीएसटी वसूला जाएगा।

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क्रिप्टोकर्रेंसी में मिला पेमेंट तो देना होगा GST  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • जीएसटी विभाग के नए फरमान से परेशान कारोबारी
  • क्रिप्टोकोर्रेंसी में मिला पेमेंट तो देना होगा जीएसटी
  • इन पेमेंट्स पर लगेगा तीस प्रतिशत जीएसटी

Mumbai Crypto: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में जीएसटी विभाग ने नया फरमान जारी किया है। अब अगर कारोबार से जुड़ा कोई पेमेंट क्रिप्टोकर्रेंसी के रूप में होगा तो उसके लिए अतिरिक्त तीस प्रतिशत जीएसटी देना होगा। विभाग के इस फैसले ने कारोबारियों के सामने नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। मुंबई टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि भले ही डायरेक्ट टैक्स के नियम सरल हैं और इन पर 30 फीसदी टैक्स लागू होगा, लेकिन GST के रूप में एक नई मुश्किल पैदा हो गई है

गौरतलब है कि मुंबई और भारत के बाहर मौजूद क्लाइंट्स को सेवाएं देने वाले क्रिप्टोकरेंसीज में भुगतान प्राप्त करने वाले पेशेवर अब उन पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लगने को लेकर स्पष्टता हासिल करने के लिए अपने टैक्स एडवाइजर्स से संपर्क कर रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोगों ने दावा किया है कि अमेरिका या सिंगापुर के क्लाइंट्स के लिए ग्राफिक डिजाइनिंग या एडवाइजरी सेवाएं देने जैसे काम के लिए उन्हें क्रिप्टोकरेंसी  में भुगतान मिला है।अब सवाल यह उठ रहा है कि यह सर्विसेज है या एक्सपोर्ट और इस पर कितना GST लागू है।

आखिर कितना जीएसटी होगा लागू

इस साल सरकार के क्रिप्टो एसेट्स कर लगाने के ऐलान के बाद कई लोगों ने क्रिप्टोकरेंसीज से अपनी इनकम का खुलासा किया है और दावा किया है कि ये उन्हें किसी काम के एवज में पेमेंट के रूप में मिले हैं।

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टैक्स एक्सपर्ट्स ने कहा कि भले ही डायरेक्ट टैक्स के नियम सरल हैं और इन पर 30 फीसदी टैक्स लागू होगा, लेकिन GST के रूप में एक नई मुश्किल पैदा हो गई है। ऐसे ट्रांजेक्शन पर कितना जीएसटी लागू होगा और ऐसे ट्रांजेक्शंस को किस श्रेणी में रखा जाएगा, इस पर तस्वीर साफ होना बाकी है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक लॉ फर्म खेतान एंड कंपनी में पार्टनर अभिषेक ए रस्तोगी ने कहा, “क्रिप्टोकरेंसीज के रूप में मिली धनराशि को विदेशी मुद्रा के रूप में कनवर्टिबल धन के समान नहीं माना जा सकता और एक भारतीय एक्सपोर्टर के एक्सपोर्ट बेनिफिट्स पर इसका सीधा असर होगा। RBI पहले ही दिशानिर्देश दे चुका है कि भारतीय करेंसी में मिले किसी भी प्रकार के धन को फॉरेन एक्सचेंज माना जाएगा और इस मुद्दे पर मिलने वाले स्पष्टीकरण को देखना होगा।”

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