Mumbai Gudi Padwa: क्या मुंबई में इस साल प्रतिबंधित रहेगा गुड़ी पड़वा स्वागत जूलूस? पुलिस ने 8 अप्रैल तक लगाया कर्फ्यू

Mumbai Gudi Padwa: दो अप्रैल को गुड़ी पाड़वा के मौके पर मराठी नववर्ष के स्वागत जुलूस की चल रही तैयारियों के बीच मुंबई पुलिस ने आठ अप्रैल तक कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। ऐसे में स्वागत जुलूस को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है।

Mumbai Gudi Padwa
मुंबई में इस साल प्रतिबंधित रहेगा गुड़ी पड़वा स्वागत जूलूस?  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • गुड़ी पड़वा स्वागत जुलूस क्या इस साल रहेगा प्रतिबंधित?
  • मुंबई पुलिस ने आठ अप्रैल तक कई इलाकों में लगाया कर्फ्यू
  • कर्फ्यू की वजह से बंद हॉल में करने होंगे सभी कार्यक्रम

Mumbai Gudi Padwa: दो अप्रैल को गुड़ी पड़वा के लिए रवाना होने वाले मराठी नववर्ष के स्वागत जुलूस की तयारी है। गिरगांव में स्वागत यात्रा नहीं होगी क्योंकि पुलिस ने आठ अप्रैल तक कर्फ्यू लगा दिया है। डोंबावली से गणेश मंदिर संस्थान की पालकी ही निकलेगी। हालांकि रविवार को डोंबिवली में विभिन्न संगठनों की बैठक हो रही है और इस बैठक में स्वागत यात्रा की भूमिका स्पष्ट की जाएगी। दरअसल दो साल के बाद यह आशा थी कि गुड़ी पड़वा मराठी नव वर्ष के स्वागत जुलूस की शुरुआत करेगा। लेकिन पुलिस के लगाए कर्फ्यू ने मामले का रुख मोड़ दिया है। अगर यह प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो अप्रतिबंधित मुंबई में भी मराठी नववर्ष का स्वागत बंद हॉलों में करना होगा। 

स्वामी विवेकानंद युवा प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित गिरगांव में पारंपरिक हिंदू नव वर्ष स्वागत यात्रा पिछले दो दशकों से आकर्षण का केंद्र रही है। फाउंडेशन ने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि मुंबई प्रतिबंधों से मुक्त है, कर्फ्यू के कारण इस साल का पड़वा एक बंद हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करके मनाया जाएगा। प्रतिबंधित मुंबई में स्वागत यात्रा पर प्रतिबंध क्यों? ऐन वक्त पर गुड़ी पड़वा के अवसर पर कर्फ्यू लगाने का क्या कारण है? कोई भी पुलिस अधिकारी इन सवालों का जवाब देने को तैयार नहीं है।  प्रशासनिक संदेश हर जगह स्वागत जुलूस निकालने का नहीं है, खासकर गिरगांव और डोंबिवली में।

डोंबिवली में विभिन्न संगठनों की बैठक

डोंबिवली के ग्राम देवता श्री गणेश मंदिर संस्थान द्वारा इस वर्ष केवल पालकी निकाली जाएगी। यह घोषणा की गई है कि बारात दृश्यों और तस्वीरों के साथ नहीं जाएगी। श्री गणेश मंदिर संस्थान के ट्रस्टी प्रवीण दुधे ने नेता को बताया कि हमने स्वागत जुलूस के लिए विष्णुनगर और रामनगर थाने से अनुमति मांगी थी लेकिन वह नहीं मिली। तो हम बस पालकी निकालने के लिए तैयार हैं। रविवार को डोंबिवली में विभिन्न संगठनों की बैठक का आयोजन किया गया है। अब चार-पांच दिन में गुड़ी पड़वा आ गया है तो इतने कम समय में रथ बनाना मुश्किल होगा। हमारी यात्रा में 60-65 संगठन शामिल हैं। 40 से 45 अलग-अलग रथ हैं। अब अगर अनुमति भी दे दी जाए तो यह रथ कैसे बनेगा, यह सवाल दुधे ने उठाया था।

हालांकि ठाणे में 30 से 35 रथों की तैयारी जोरों पर है। इस साल की परेड में जाने-माने परमाणु वैज्ञानिक अनिल काकोडकर मुख्य अतिथि होंगे। स्वागत यात्रा के मेजबान श्री कौपिनेश्वर के सांस्कृतिक ट्रस्ट ने स्वागत यात्रा की पूरी तैयारी कर ली है।

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