Mumbai School CCTV: यौन उत्पीड़न पर लगेगी लगाम, सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा लगाएगी सरकार

Mumbai School CCTV: मुंबई के सभी शिक्षा बोर्ड से जुड़े स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे। सरकार की कोशिश है कि स्कूलों में होने वाले यौन उत्पीड़न पर लगाम लगाई जा सके। 

Mumbai School CCTV
शिक्षा बोर्ड से जुड़े  सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • शिक्षा बोर्ड से जुड़े सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश
  • स्कूलों में यौन उत्पीड़न पर लगाम लगाने की कोशिश
  • राज्य के 65 हजार स्कूलों में लगेंगे कैमरे

Mumbai School CCTV: छात्राओं के यौन उत्पीड़न पर रोक लगाने के लिए उद्धव ठाकरे सरकार ने शिक्षा बोर्ड से जुड़े सभी स्कूलों में सीसीटीवी  कैमरा लगाने के आदेश दिए हैं।  मुंबई शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने जानकारी दी है कि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी लगाए जाएंगे। उन्होंने साफ किया कि एक साल में चरणबद्ध तरीके से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या ज्यादा है, वहां सबसे पहले कैमरे लगाए जाएंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया कि राज्य में 65,000 जिला परिषद स्कूल हैं। सरकार ने उन सभी स्कूलों में सीसीटीवी लगाने का फैसला किया है।

शिक्षा मंत्री ने पुणे की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सिर्फ कैमरा रखना संभव नहीं था, पुणे के स्कूल में कैमरा था,हार्ड डिस्क नहीं (कल की पुणे की घटना)। आपको बता दें कि पुणे के एक निजी स्कूल में 11 वर्ष की एक लड़की से यौन उत्पीड़न के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने का मामला सामने आया है। बुधवार को हुई इस घटना की जांच के बाद गुरुवार को आरोपी को पकड़ लिया गया। आरोपी को सीसीटीवी की मदद से ही गिरफ्तार किया गया है।

निजी स्कूलों को मिले सीसीटीवी लगाने के निर्देश

वर्षा गायकवाड़ ने यह भी कहा कि आज के समय में, सीसीटीवी कैमरों की उपयोगिता को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। अप्रत्यक्ष रूप से ही सही लेकिन सीसीटीवी कैमरों ने हमारे जीवन को आसान और सुरक्षित बनाया है। कैमरों की एक प्रमुख उपयोगिता अपराध को कम करना भी है। अपराधों के प्रति आमजन हमेशा चिंतित रहता है। सीसीटीवी कैमरे सिर्फ अपराधियों को अपराध करते समय रंगे-हाथों पकड़ने के ही काम नही आते हैं, बल्कि किसी स्थान पर सीसीटीवी कैमरों को उपस्थिति मात्र से ही अपराधी अपराध को अंजाम देने से पहले कम से कम दो बार जरूर सोचेगा। निजी स्कूलों को साल की शुरुआत से पहले सीसीटीवी लगाने को कहा जाएगा।

आपको बता दें की 2013 में  मुंबई पुलिस ने स्कूल बसों में बच्चों के साथ बढ़ती छेड़छाड़ की घटनाओं के मद्देनजर सभी स्कूलों को अपनी बसों में क्लोज सर्किट टेलिविजन कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे। मुंबई पुलिस ने स्कूल प्रशासनों से बस ड्राइवरों की दृष्टि की हर 5 महीने में जांच कराने को भी कहा था। बच्चों के लिए प्राइवेट बसों को किराए पर लेने वाले स्कूल प्रशासनों को वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर, परमिट, ड्राइवर का लाइसेंस और बीमा संबंधी कागजों की जांच करने को कहा गया था। उस समय मुंबई शहर में स्कूल बसों में छात्रों के साथ छेड़छेड़ के कई मामले सामने आए थे जिसके बाद पुलिस ने ये कदम उठाए था।

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