फ्लैट के लिए भाई को उतारा मौत के घाट, बहन को भी मारने की कोशिश, कोर्ट ने सुनाई दो भाइयों को उम्र कैद की सजा

Mumbai Crime: मुंबई के एक सेशन कोर्ट ने संपत्ति विवाद को लेकर अपने 45 वर्षीय भाई की चाकू मारकर हत्या करने और अपनी 57 वर्षीय बहन की हत्या का प्रयास करने के आरोप में दो भाईयों को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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फ्लैट के लिए दो सगे भाइयों को उम्र कैद, बहन और भाई पर किया था हमला  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • सेशन कोर्ट ने संपत्ति विवाद को लेकर दो भाईयों को दोषी ठहराया
  • मामला साल 2017 में जेजे मार्ग का है
  • बहन ने दर्ज करवाई आरोपी भाइयों के खिलाफ एफआईआर

Mumbai Crime: मुंबई के एक सेशन कोर्ट ने संपत्ति विवाद को लेकर अपने 45 वर्षीय भाई की चाकू मारकर हत्या करने और अपनी 57 वर्षीय बहन की हत्या का प्रयास करने के आरोप में दो भाईयों को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मामला साल 2017 का था, जेजे मार्ग के निवासी एक पुनर्विकसित फ्लैट को लेकर आपस में झगड़ा करते थे। आरोपी अमीरुद्दीन काजी (50) और अलाउद्दीन काजी (52) को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दंडनीय अपराध का दोषी ठहराया गया है।  

दोनों को आजीवन कारावास की सजा भुगतनी होगी और 500 रुपये का जुर्माना भी देना होगा। कोर्ट के जज ने कहा कि, अगर अमीरुद्दीन काजी और अलाउद्दीन काजी यह जुर्माना नहीं देते हैं तो आरोपियों को छह महीने की और कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। 

हत्या का प्रयास करने पर अलग से सजा नहीं दी

हालांकि आरोपियों को सेशन कोर्ट ने अलग से हत्या का प्रयास करने के लिए सजा नहीं दी। 2 सितंबर, 2017 को जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोपियों ने अपने भाई नसीरुद्दीन काजी और विधवा बहन रुकैया काजी को घर से बाहर निकाल दिया था और संपत्ति को हड़प लिया था। जब वह घर अपने कपड़े लेने के लिए आ रहे थे तो दोनों पर हमला किया गया। घटना के दिन पुलिस को दिए अपने कथित बयान में पीड़ित रुकैया ने कहा था कि, संपत्ति, जो मूल रूप से उसके दिवंगत पिता की थी, उसका पुनर्विकास किया गया और बाद में अलाउद्दीन के नाम ट्रांसफर कर दिया गया। 

भाई और बहन को परेशान करते थे अपराधी भाई

रुकैया ने कहा था कि, वह अपने पति की मौत के बाद अपने पिता के घर वापस आ गई थी। वहीं आरोपी अमीरुद्दीन गांव में रहता था। महिला ने कहा कि, घटना के दिन अमीरुद्दीन घर में मौजूद था और उसने अलाउद्दीन के साथ भाई नसीरुद्दीन पर हमला करने में मदद की। चूंकि घर अलाउद्दीन के नाम पर था, इसलिए वह मुझे मारे गए भाई नसीरुद्दीन और एक अन्य भाई नजीर काजी को जगह खाली करने के लिए मजबूर करने के लिए लगातार परेशान करता था। रुकैया के अनुसार, हत्या से करीब 20 दिन पहले उसके भाई और उसको आरोपियों ने केवल घर से बाहर निकाल दिया था। 

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