Mumbai: न्याय दिलाने वाली ही निकली फर्जी! फर्जी लाइसेंस संग प्रैक्टिस करने वाली बुजुर्ग वकील अरेस्ट

Mumbai Crime News: मुंबई पुलिस ने 72 साल की एक फर्जी महिला वकील को गिरफ्तार किया है। उस पर फर्जी वकालतनामे के जरिए प्रैक्टिस करने का आरोप है। आरोप है कि महिला एक दशक से ज्यादा वक्त से शहर की अलग-अलग अदालतों में प्रैक्टिस कर रही थी।

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फर्जी महिला वकील गिरफ्तार  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • पुलिस ने 72 साल की एक फर्जी महिला वकील को गिरफ्तार किया
  • महिला पर फर्जी वकालतनामे के जरिए प्रैक्टिस करने का आरोप
  • महिला एक दशक से ज्यादा वक्त से अदालतों में प्रैक्टिस कर रही थी

Mumbai Crime News: मुंबई में एक हैरान कर वाला मामला सामने आया है। यहां न्याय दिलाने वाला ही कानून की धज्जियां उड़ाते नजर आया है। पुलिस ने एक महिला वकील को गिरफ्तार किया है, जिसके ऊपर फर्जी वकालतनामे के जरिए प्रैक्टिस करने का आरोप है। पुलिस ने बताया है कि 72 साल की मोर्दकै रेबेका जौब उर्फ मंदाकिनी काशीनाथ सोहिनी दशकों से वकील बन पारिवारिक अदालत में प्रैक्टिस कर रही थी। 

इतना ही नहीं महिला कथित तौर पर एक फर्जी वकील के लाइसेंस के आधार पर अलग-अलग अदालतों में एक दशक से प्रैक्टिस कर रही थी। महिला को बीकेसी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने कहा कि महिला एक मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करने से पहले शहर की हर एक अदालत में एक नकली वकालतनामा दिखाती थी। 

एक वकील ने किया महिला का पर्दाफाश

पुलिस ने जुलाई में आरोपी सोहिनी को समन जारी किया था, जब बोरीवली अदालत के एक वकील अकबर अली मोहम्मद खान ने उसकी पहचान को चुनौती दी थी। हालांकि, बांद्रा पाली हिल निवासी सोहिनी नहीं आई। शनिवार को सोहिनी ने थाने जाकर आधार कार्ड और वकालतनामा के साथ अपनी डिग्री जमा की। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जांच में कानून की प्रैक्टिस करने का उसका लाइसेंस फर्जी निकला। पुलिस ने अब महिला के लाइसेंस को सत्यापित करने के लिए बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा से संपर्क किया है।

पुलिस ने इस तरह पकड़ा महिला का झूठ

अधिकारियों ने कहा कि प्राथमिकी के अनुसार, सोहिनी ने दावा किया कि उसके पास प्रैक्टिस करने के लिए एक वैध लाइसेंस है और उसने 'सनद' या 'लाइसेंस' नंबर (एमएएच/253/1979) जमा किया है। बीकेसी पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि सोहिनी के लाइसेंस नंबर से पता चलता है कि वह उस लाइसेंस के साथ प्रैक्टिस कर रही थी जो सोलापुर के एक वकील कंबेश्वर पंडरीनाथ यशवंत को जारी किया गया था। बाद में, उसने दावा किया कि उसका असली लाइसेंस (एमएएच/253/1979) है। जब इसको सत्यापित किया गया, तो यह भी अमरवती के वकील सुरेश रामभाऊ गुरदे के नाम पर जारी मिला। पुलिस ने बताया है कि सोहिनी एक दशक के प्रैक्टिस कर रही थी। 

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